नयी दिल्ली/ दिल्ली विश्वविद्यालय के जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज (जेडीएमसी) में तीन दिवसीय सांस्कृतिक प्रतियोगिता प्रारंभ किया गया। यह प्रतियोगिता आगामी दो फरवरी तक चलेगा। तीन दिवसीय इस प्रतियोगिता में विभिन्न महाविद्यालयों के 3,000 से अधिक प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं।
प्रतियोगिता के प्रथम दिन अभिनय, वाद-विवाद, नुक्कड़ नाटक, नृत्य, संगीत और कविता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग कॉलेजों से आए छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस वर्ष की थीम, ‘उदय-अवेकन द लाइट विदिन’ है।
कार्यक्रम में प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना और कोरियोग्राफर, विदुषी रानी खानम, संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित सुमन कुमार और दिल्ली विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर रूपम कपूर ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्य अतिथि विदुषी रानी खानम ने कहा, “इस कार्यक्रम की थीम, श्उदय – भीतर की रोशनी जगाएंश्, युवाओं को उज्जवल भविष्य के लिए अपने भीतर की भावना को प्रज्ज्वलित करने की आवश्यकता पर जोर देती है। हमारे लिए प्रेरित रहना और अपने सपनों और लक्ष्यों का पीछा करना जारी रखना आवश्यक है। मुझे यह देखकर सचमुच खुशी हो रही है कि जेडीएमसी के छात्र कला, विशेषकर शास्त्रीय कला के क्षेत्र में खास पहचान और जगह रखते हैं। यह एक सर्वांगीण और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शैक्षिक वातावरण को बढ़ावा देने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
इस मौके पर जेडीएमसी की प्रिंसिपल प्रो. स्वाति पाल ने कहा, ष्हमारे सम्मानित मुख्य अतिथि, विदुषी रानी खानम और हमारे सम्मानित अतिथियों, श्री सुमन कुमार और प्रोफेसर का स्वागत करना हमारे लिए सम्मान की बात है।
प्रोफेसर रूपम कपूर ने कहा, “इस वर्ष की थीम, उदय – भीतर की रोशनी को जगाएंश् का उद्देश्य भाग लेने वाले छात्रों को अपनी प्रतिभा, कौशल और समग्र व्यक्तित्व प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। इस आयोजन के माध्यम से, हम न केवल विकसित भारत बल्कि विकसित विश्व के विकास में भी योगदान देने की आकांक्षा रखते हैं।’’
कलाकार छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए संगीत नाटक अकादमी के उप सचिव (नाटक) सुमन कुमार ने कहा, “सिम्फनी 24 भारतीय संस्कृति की सुंदरता को अद्भुत ढंग से प्रदर्शित करता है, जिससे हमारे युवाओं को अपनी कलात्मक प्रतिभा व्यक्त करने के लिए एक इंद्रधनुषी मंच मिलता है। यह हमारे राष्ट्र की विविध विरासत का जश्न मनाते हुए परंपरा और आधुनिकता का सामंजस्य स्थापित करता है। हमारी भारतीय सांस्कृतिक भावना के सार को समाहित करते हुए इस सांस्कृतिक उत्सव के आयोजन के लिए जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज को बधाई।”
कार्यक्रम की शुरुआत नुक्कड़ नाटकों से हुई। साथ ही, प्रतिभागियों ने शास्त्रीय नृत्य का प्रदर्शन किया। सिम्फनी जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज का वार्षिक इंटरकल्चरल कॉलेज है। इसका मकसद, युवा प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना और अंतर-सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। साथ ही, इसका उद्देश्य तय कार्यक्रमों के माध्यम से एकता, रचनात्मकता और सामुदायिक भावना को बढ़ावा देना है। इस मौके पर डिबेट, स्टैंड-अप कॉमेडी, शास्त्रीय नृत्य, कविता-पाठ, फोटोग्राफी जैसी विद्याओं में 25 से ज्यादा प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम 31 जनवरी से 2 फरवरी तक होगा।
जेडीएमसी दिल्ली विश्वविद्यालय का कॉलेज है। इसे नैक से मान्यता मिली हुई है। इसकी स्थापना 1959 में गांधीवादी श्री वृजभूषण कृष्ण चांदीवाला ने अपनी माता श्रीमती जानकी देवी की स्मृति में किया था।