जबरन धर्मांतरण या लव जिहाद इस्लाम के मूल चिंतन का अंग नहीं 

डॉ. अनुभा खान हाल के दिनों में, ‘लव जिहाद’ शब्द समाचार माध्यमों के एक खास वर्ग में बड़ी तेजी से सुर्खियां बटोरने लगा है। इसके

पूँजीवाद में विज्ञापनों की विचारधारा और पूँजीवादी विचारधारा का विज्ञापन

शिवानी टेलीविज़न, इण्टरनेट, अख़बार आदि में विज्ञापन तो आप ज़रूर देखते होंगे चाहे आपको यह कितना ही नापसन्द क्यों न हों। रेडियो पर सुनते भी

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