फिरंगियों के द्वारा खड़ी की गयी लड़ाई में झुलस रहे हैं मुसमान और यहूदी 

गौतम चौधरी  एक बार फिर पश्चिम एशिया में युद्ध छिड़ गया है। इस बार की लड़ाई तब प्रारंभ हुई जब फिलिस्तीनी इस्लामिक आतंकवादी संगठन, हमास

सच पूछिए तो भारतीय मुसलमानों के लिए यह पुनर्जागरण का युग

हसन जमालपुरी  विगत कई दशकों से भारतीय मुस्लिम समुदाय विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना कर रहा है। भारतीय मुसलमानों की सबसे बड़ी समस्या प्रभावशाली

सुन्नी छात्र संगठन के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में मुसलमानों ने स्वीकारा : भारत धार्मिक स्वतंत्रता की भूमि

गौतम चौधरी  भारत, सांप्रदायिक एकीकरण और भाईचारे की भूमि है। जीवंत लोकतंत्र वाला एक धर्मनिरपेक्ष देश है। यहां की सरकारें धार्मिक आधार पर अपने नागरिकों

अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित करनी है तो पसमांदा मुसलमानों को अवसर का लाभ उठाना चाहिए

गौतम चौधरी  भारतीय समाज की सबसे बड़ी खासियत जाति प्रबंधन है लेकिन कई बार इस प्रबंधन का दुष्परिणाम भी देश को मुगतना पड़ा है। किसी

मुसलमान क्या अपनी आधी आबादी की उपेक्षा कर समाज को समुन्नत बना सकते?

गौतम चौधरी सच पूछिए तो इस्लाम में मर्द और औरत के बीच कोई भेदभाव नहीं है। इस्लामिक साहित्यों में इस बात की मुकम्मल चर्चा की

बुर्जुगों की प्यार मोहब्बत की रिवायत के खिलाफ फतवे मुसलमानों की गैरत पर हमला

सूफी कौसर मजीदी वर्ष 1947 में हमारे बुर्जुगों के पास दो विकल्प थे। एक तो जिन्ना के नापाक सपनो का पाकिस्तान और दूसरा हमारे बुजुर्गों

सच पूछिए तो PFI मुसलमानों की रहनुमाई का भी हक नहीं रखता

गौतम चैधरी अंततोगत्वा भारत सरकार को देश के सबसे खतरनाक इस्लामिक चरमपंथी संगठन पाॅपुलर फ्रंट आॅफ इंडिया पर प्रतिबंध लगाना ही पड़ा। पटना की घटना

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