नई दिल्ली/ तालिबान का प्रमुख नेता हैबतुल्लाह अखुंदाजा पाकिस्तानी में हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि विदेशी इंटेलीजेंस एजेंसीज ने अखुंदजादा से जुड़े इनपुट शेयर किए हैं। इस पर भारत भी नजर बनाए हुए है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि अखुंदजादा पाकिस्तानी सेना की हिरासत में हो सकता है। तालिबान के दूसरे सीनियर लीडर्स ने उसे पिछले 6 महीने से नहीं देखा है। दूसरी तरफ ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने तालिबान से मेल-मिलाप बढ़ाना शुरू कर दिया है।
भारतीय अधिकारियों ने गुरुवार को काबुल स्थित करते-परवन गुरुद्वारे में शरण लिए 60 सिखों और हिंदुओं को सुरक्षित जगह पहुंचा दिया, ताकि इन्हें भारत भेजा जा सके। हालांकि, इनमें से कई सिखों का कहना है कि वे भारत की बजाय कनाडा या अमेरिका जाना चाहते हैं, क्योंकि भारत में उनका कोई रिश्तेदार नहीं है।
अफगानिस्तान में पंजशीर से शुरू हुआ तालिबान के विरोध का सिलसिला राजधानी काबुल तक पहुंचने से तालिबानी परेशान नजर आ रहे हैं। विरोध के स्वरों को दबाने के लिए अब उसने अफगानिस्तान के इमामों से अपील की है कि लोगों को समझाकर एकजुट करें।
तालिबान की चिंता इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि अफगानिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज लेकर प्रदर्शन करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। तालिबान ने दो दिन पहले जलालाबाद में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां भी चलाईं, लेकिन विरोध कम नहीं हो रहा।
गुरुवार को काबुल में लोगों ने अफगानी झंडे के साथ प्रदर्शन किया। गुरुवार को अफगानिस्तान का स्वतंत्रता दिवस भी था।
तालिबान ने दावा किया था कि किसी भी देश के दूतावास को निशाना नहीं बनाया जाएगा, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि तालिबान ने कंधार और हेरात में भारतीय कॉन्सुलेट की तलाशी ली है। तालिबानियों ने बुधवार को दोनों कॉन्सुलेट में पहुंचकर दस्तावेज खंगाले और वहां खड़ी कारें भी ले गए।
इधर अमेरिकी विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान को लेकर नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (नाटो) के महासचिव जेंस स्लोलटनबर्ग से भी बात की है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा है कि अफगानिस्तान में शांति और सहयोग में चीन ने अहम भूमिका निभाई है और अफगानिस्तान के विकास में योगदान देने के लिए चीन का स्वागत करते हैं।
तालिबान भले ही दावा करे कि वह किसी से बदला नहीं लेगा, लेकिन संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में हकीकत सामने आ गई है। इस रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अमेरिका या उसकी अगुवाई वाली छ।ज्व् सेना का साथ देने वाले अफगानियों की खोज में तालिबान घर-घर जाकर तलाशी ले रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि तालिबान ने उन लोगों की लिस्ट तैयार की जिन्हें वह गिरफ्तार करना चाहता है। साथ ही इन लोगों को धमकी दे रहा है कि वे सामने नहीं आए तो उनके परिवार के लोगों को मार दिया जाएगा या गिरफ्तार कर लिया जाएगा।