रांची/ अंकुरित अल्फाल्फा शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करने से लेकर रोगों से लड़ने की क्षमता तक को बढ़ाता है। आज हम इसके फायदे और खाने के तरीके के बारे में जानेंगे।
अंकुरित अल्फाल्फा खाना सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद होते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ द्वारा इसे खाने की सलाह दी जाती है। सेहत को दुरुस्त रखने के लिए आप अंकुरित अनाज का सेवन कर सकते हैं। यह स्प्राउट्स शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल घटाने से लेकर इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मददगार होते हैं। दरअसल, अल्फाल्फा एक औषधीय पौधा है। इसका इस्तेमाल आमतौर पर दवाओं और सप्लीमेंट्स को बनाने में किया जाता है। विकिपीडिया के अनुयार यह दूध देने वाले पशुओं को खिलाने वाला एक वेहतर चारा है। इसका आषधीय उपयोग लगभग 1500 वर्ष पहले से होता आया है। इसके बीज में औषधीय गुण होने के कारण इसे अंकुरित कर खाने का प्रचलन लगातार बढ़ रहा है। इससे लोगों को फायदा होता भी देखा जा रहा है। इसका उपयोग आप भी कर सकते हैं।
अंकुरित अल्फाल्फा खाना सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद साबित होते हैं। इस खाने से इम्यून सिस्टम पर अच्छा असर पड़ता है, जिससे इम्यूनिटी भी बढ़ती है। इसमें अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जिसे खाने से कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ अच्छी रहती है। इसे खाने से इंसुलिन सेंस्टिविटी बेहतर होती है, जिससे डायबिटीज होने की आशंका भी कम होती है। इसे खाने से महिलाओं में होने वाले मेनोपॉज के लक्षणों में कमी आती है। अल्फाल्फा स्प्राउट्स खाने से पाचन तंत्र बेहतर रहता है साथ ही त्वचा पर भी ग्लो आता है।
अल्फाल्फा स्प्राउट्स बनाने के लिए आपको सबसे पहले इसके बीज लेकर उन्हें अच्छे से साफ करना है। इसके बाद इन बीजों को कम से कम 24 से 48 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रख दें। अब आपको छन्नी में लेकर इसका सारा पानी निचोड़ना है। इसके बाद इसे सुखाकर एक सूती कपड़े में बांधकर रख दें। आप दो दिन बाद इसे निकालकर खा सकते हैं।
कुछ लोगों को अल्फाल्फा स्प्राउट्स खाने से परहेज करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को इसे नहीं खाना चाहिए। इससे मां के साथ बच्चे को भी नुकसान पहुंच सकता है। इस स्प्राउट में विटामिन के की मात्रा अच्छी होती है इसलिए अगर आप खून पतला करने की दवा ले रहे हैं तो इसे खाना उचित नहीं होगा। ऑटोइम्यून डिसऑर्डर से जूझे मरीजों को भी इससे बचना होगा।