भाषणा गुप्ता
मधुमेह : भारत में किडनी फेल होने का सबसे मुख्य व पुराना कारण मधुमेह है। अगर ब्लडशूगर को नियंत्रित किया जाए तो किडनी को फेल होने से बचाया जा सकता है। यह किडनी को हानि पहुंचाने से रोकने का निदान है, इसलिए वर्ष में एक बार ब्लड शूगर का टेस्ट अवश्य करवाएं।
उच्च रक्तचाप : अगर रक्तचाप को नियंत्राण में रखा जाए तो किडनी फेल होने से बच सकती है। स्वस्थ व्यक्ति को कम से कम वर्ष में एक बार रक्तचाप अवश्य चेक करवा लेना चाहिए।
नेफराइटिस : कई बार गुर्दे के खराब होने से पेशाब में प्रोटीन इकट्ठी हो जाती है व पूरे शरीर में सूजन आ जाती है। नियमित रूप से पेशाब के टेस्ट और अल्ट्रासाउंड कराने से इस प्रकार की समस्या का पता लगाया जा सकता है।
दवाएं : अक्सर दर्दनिवारक औषधियां भी किडनी के क्षतिग्रस्त होने का कारण बनती हैं, अतः यथासंभव दर्दनिवारक दवाइयां लेने से परहेज करें। अगर आप अक्सर ऐसी दवाएं लेते हैं तो इन्हें लेने से पूर्व डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। अधिक तेज दवाएं कदापि न लें।
पथरी : पथरी का पता लगाने हेतु गुर्दे का अल्ट्रासाउंड व पेट का एक्सरे करवाना चाहिए ताकि समय रहते इस पर काबू पाया जा सके और किडनी को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सके।
(स्वास्थ्य दर्पण)