पर्यटन/ सिर चढ़ कर बोलता है माया नगरी मुम्बई का आकर्षण

पर्यटन/ सिर चढ़ कर बोलता है माया नगरी मुम्बई का आकर्षण

आधुनिक भारत का विशाल महानगर मुंबई 7 द्वीपों से मिल कर बना है। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार मुंबई का प्राचीन नाम हेपटेसिया अर्थात 7 द्वीपों का शहर था जिस की खोज 150 ई. में प्रसिद्ध भूगोलशास्त्राी पिटोलमी ने की थी। 13वीं सदी में पाटण (गुजरात) के हिन्दू राजा भीमदेव ने इस क्षेत्रा पर कब्जा कर माहिम को राजधानी का रूप दिया। 1397 में अहमदाबाद के सुलतान अहमदशाह ने भीमदेव को पराजित कर यहां अपनी प्रभुसत्ता स्थापित की।

उसके बाद यह पुर्तगाल के आधिपत्य में आ गया। सन् 1662 में पुर्तगाली राजकुमारी से विवाह के उपरोत इंग्लैंड के चार्ल्स द्वितीय को यह उपहारस्वरूप मिल गया था जिसे बाद में ईस्ट इंडिया कंपनी ने व्यापार के लिए इंग्लैंड के साम्राज्य से प्राप्त किया था। ईस्ट इंडिया कंपनी के समय से ही यह नगर बंबई के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

भारत की आर्थिक राजधानी कहलाने वाला यह नगर आधुनिक रूप से 19वीं शताब्दी में ही विकसित होने लगा। यहाँ मराठी, गुजराती, पारसी, सिंधी, उत्तर भारतीय, दक्षिण भारतीय सभी प्रांतों-संप्रदायों के लोग बसते हैं, इसलिए यहाँ का जनजीवन विविधता लिए हुए हैं। मुंबई ऐतिहासिक स्मारकों के साथ-साथ आधुनिक भवनों के लिए भी मशहूर है। लगभग 600 के करीब ऐतिहासिक दर्शनीय स्मारक हैं जिन्हें कला, संस्कृति और स्थापत्य के लिए भारतीय राष्ट्रीय ट्रस्ट द्वारा मान्यता प्राप्त है।
हिन्दी सिनेमा का गढ़ माना जाने वाला यह शहर फिल्मी गतिविधियों के चलते हमेशा चर्चा में रहता हैं। सिनेमा के प्रमुख केन्द्र के रूप में यहां वर्षभर चहल-पहल रहती है। यहाँ के विशाल बाजार इस आकर्षक शहर की शान है। पर्यटक हर तरह की खरीदारी का आनंद ले सकते हैं। कबूतरखाना व फौन स्ट्रीट यहां के कुछ प्रसिद्ध बाजार हैं जहाँ तरह-तरह की खरीदारी का लुत्फ उठाया जा सकता है। मुंबई के प्रमुख दर्शनीय स्थल इस प्रकार हैं: –

गेटवे आफ इंडिया
भारत का प्रवेशद्वार माना जाने वाला यह विशाल दरवाजा 1911 में तब बनवाया गया था जब इंग्लैंड के राजा रानी भारत आए थे। उनकी यात्रा के स्मारक रूप में इसका निर्माण किया गया। इसका प्रमुख आकर्षण इसके 8 विशाल खुले दरवाजे हैं और अब गेटवे आफ इंडिया के ठीक सामने महान मराठी योद्धा छत्रापति शिवाजी की प्रतिमा स्थापित है। यहाँ से मोटरबोट की सैर का आनंद लेते हुए पर्यटक एलिफेंटा की गुफाएं देखने जा सकते हैं। दिल्ली के इंडिया गेट के समान चर्चित इस स्थल पर देश-विदेश के पर्यटक ही नहीं बल्कि स्थानीय लोग भी खुशगवार शामें बिताने आते हैं।

प्रिंस आफ वेल्स संग्रहालय
इस संग्रहालय की आधारशिला 1905 में जार्ज पंचम की पहली भारत यात्रा की याद में रखी गई थी। हिन्दू, मुस्लिम स्थापत्य शैली में बनाया गया यह संग्रहालय 3 भागों (कला, पुरातत्व, प्राकृतिक इतिहास) में बंटा हुआ है। यह देश के सर्वाेत्तम संग्रहालयों में से एक है। इसी तरह जहांगीर आर्ट गैलरी में आधुनिक भारतीय कलाकारों के चित्रों की प्रदर्शनियां लगी रहती हैं। 1952 में निर्मित यह गैलरी सर कावसजी जहांगीर की स्मृति में बनाई गई थी।

हुतात्मा चौक
मुंबई का दिल कहा जाने वाला यह स्थान मुंबई उच्च न्यायालय की इमारत, राजाबाई टावर जैसी कई अन्य चर्चित इमारतों के करीब बना एक विशाल वर्तुलकार चौराहा है जिसके आसपास सदैव रौनक बनी रहती है। इस चौक का निर्माण 1869 में मुंबई के तत्कालीन गवर्नर सर बार्टले के सम्मान में किया गया था। तब इसका नाम फ्लोरा फाउंटेन रखा गया था, जिसे बाद में महाराष्ट्र राज्य आंदोलन में शहीद हुए लोगों की स्मृति के रूप में हुतात्मा चौक किया गया।

मेरीन ड्राइव
समुद्र किनारे बनी खूबसूरत मेरीन ड्राइव अब नेताजी सुभाष रोड के नाम से जानी जाती है। यह राजमार्ग एनसीटीए नरीमन प्वाइंट से शुरू होकर समुद्र के किनारे-किनारे मालबार तक पहुंचता हैै। रात्रि के समय इस जगह पर रोशनियों का नजारा देखते ही बनता है। यहाँ मीठा व खारा दोनों प्रकार का जल पाया जाता है। पर्यटन यहां समुद्र की लहरों का आनंद उठा सकते हैं। इसके पास ही बने तारापोरवाला जलजीव केन्द्र में आकर कई प्रकार के जलप्राणियों को देखने का आनंद लिया जा सकता है। यह जलप्राणी संग्रहालय सोमवार को छोड़ कर अन्य दिनों प्रातः 11 बजे से सायं 8 बजे तक खुला रहता है।

चौपाटी बीच
चौपाटी के नाम से विख्यात यह समुद्र तट मुंबई आने वाले के विशेष आकर्षण का केन्द्र है। यहाँ एक ओर लोग सागर की उठती गिरती लहरों के साथ जलक्रीड़ा का आनंद लेते हैं तो वहीं खाने पीने के शौकीन यहाँ की प्रसिद्ध भेलपुरी, पावभाजी, बटाटा बड़ा, चाट, दक्षिण के डोसे, इडली व आइसक्रीम और पान के साथ-साथ नारियल पानी का भी जायका लेते हैं। रेत पर बने घरौंदे व अन्य कलाकृतियां बच्चों के विशेष आकर्षण हैं। इसके निकट ही लोकमान्य बालगंगाधर तिलक व श्री विट्ठल भाई पटेल की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं।

नरीमन प्वाइंट
चर्च गेट स्टेशन के करीब बना यह मुंबई का नया व्यापारिक केंद्र है जहाँ अनेक भव्य इमारतें दर्शनीय हैं।

हैगिंग गार्डन
मालाबार हिल के शीर्ष भाग पर 1881 में हैंगिंग गार्डन बनाया गया था जिसे फिरोजशाह मेहता गार्डन के नाम से भी जाना जाता है। यहां से सूर्यास्त का दृश्य देखते ही बनता हैं यही नहीं, इस उद्यान का विशेष आकर्षण जानवरों की आकृति में कटी खूबसूरत झाड़ियां अनायास ही लोगों का ध्यान खींचती हैं।

जीजाबाई भांेसले उद्यान
सन 1834 में स्थापित यह चिड़ियाघर सबसे बड़ा तथा प्राचीन है। इसे विक्टोरिया गार्डन तथा चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता है। यहां अनेक प्रकार के पशुपक्षी देखे जा सकते हैं। साथ ही हाथी की सवारी का भी आनंद लिया जा सकता है।

एलीफेंटा की गुफाएं
मुंबई आने वाले पर्यटकों का मुंबई दर्शन एलीफेंटा गुफाओं की यात्रा के बिना अधूरा ही रहता है। गेटवे आफ इंडिया से 11 किलोमीटर दूर एक छोटे से टापू पर स्थित इन गुफाओं तक पहुंचने के लिए पर्यटकों के लिए पर्यटकों को मोटरबोट की मदद लेनी पड़ती है। यहाँ 7वीं और 8वीं शताब्दी की उत्कृष्ट शिल्पकृतियाँ देखने योग्य हैं।

संजय गांधी नेशनल उद्यान
बोरीवली स्टेशन के समीप ही स्थित इस पार्क का प्रमुख आकर्षण सफारी पार्क का प्रमुख आकर्षण सफारी पार्क और यहां चलने वाली खिलौना टेªन है। लायन सफारी पार्क में शेर घूमते रहते हैं जिन्हें बंद जीपों से पर्यटक करीब से देख सकते हैं।

कन्हेरी गुफाएं
नेशनल पार्क से मात्रा 4 किलोमीटर की दूरी पर कन्हेरी गुफाएं स्थित हैं। इन गुफाओं का निर्माण दूसरी शताब्दी के मध्य में बौद्ध भिक्षुओं एवं संन्यासियों द्वारा किया गया था। ये 109 गुफाएं प्राचीन भारतीय कल की दृष्टि से एक अमूल्य धरोहर हैं।

जूहू
विशाल समुद्र क किनारे स्थित यह एक आदर्श पिकनिक स्थल है। यहां पर्यटक जलस्नान व समुद्र यात्रा का आनंद भी उठा सकते हैं। साथ ही यहाँ की प्रसिद्ध चाट, भेलपुरी, पानीपूरी, पावभाजी व नारियल पानी आदि का लुत्फ उठा सकते हैं। यह स्थान कई बड़े-बड़े होटलों से घिरा है।
मुंबई स्थित अन्य दर्शनीय स्थलों में मुंबई विश्वविद्यालय, छत्रापति शिवाजी टर्मिनस, बाणगंगा, महात्मा फुले मार्केट, ब्रह्ममुंबई नगर निगम भवन, सिद्धिविनायक मंदिर के अतिरिक्त मुंबई आने वाले पर्यटक मुंबई से कुछ घंटे की दूरी पर स्थित अलीबर्ग, भंडारधारा, हरीहरेश्वर, कारला, मुरूड जजीरा, महाबलेश्वर, खंडाला लोनावला, माथेरान आदि प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थलों का अवलोकन किया जा सकता है। भारत का डिजनीलैंड कहलाने वाला एस्सेल वर्ल्ड मुंबई का विशाल क्षेत्राफल में फैला अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित मनोरंजक स्थल है।

(उर्वशी)

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