अमेरिकी जलवायू दूत केरी ने जताई चिंता, ‘लक्ष्य से चूक सकती है वर्ता’

अमेरिकी जलवायू दूत केरी ने जताई चिंता, ‘लक्ष्य से चूक सकती है वर्ता’

नई दिल्ली/ अमेरिकी कांग्रेस द्वारा जलवायु पर स्वयं अमेरिका की तरफ से महत्त्वपूर्ण कार्रवाई के लिए विधेयक पारित करने में विफल रहने की आलोचना करते हुए अमेरिका के जलवायु दूत जाॅन केरी ने कहा कि यह पेरिस जलवायु समझौते से राष्ट्रपति ट्रंप के पीछे हटने जैसा ही हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जलवायु कार्रवाई पर बाइडन प्रशासन फिर से वैश्विक नेतृत्व पाने का लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं।

अमेरिका के जलवायु दूत जॉन केरी ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन को लेकर बंधी उम्मीदों के बीच एक महत्वपूर्ण बयान में कहा है कि अगले महीने होने वाली शिखर वार्ता के समापन पर साफ होगा कि कौन-कौन देश कोयला एवं पेट्रोलियम उत्सर्जन में कटौती का लक्ष्य ठीक ढंग से पूरा कर रहे हैं और कौन-कौन नहीं।

उन्होंने कहा कि उत्सर्जनों में कटौती वैश्विक तापमान वृद्धि (ग्लोबल वार्मिंग) के विनाशाकारी स्तर को कम करने के लिए जरूरी है। एक साक्षात्कार में केरी ने अगले महीने स्कॉटलैंड के ग्लासगो में जलवायु वार्ता से पहले अमेरिका, यूरोपीय संघ, जापान और अन्य सहयोगियों के प्रयासों की सराहना भी की और कहा कि ये देश दुनिया को बड़े एवं त्वरित जीवाश्म ईंधन कटौती की तरफ काफी करीब तक ले गए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले कुछ वर्षों में इस दिशा में काफी देश शामिल हो जाएंगे।

केरी की टिप्पणी ‘विमान, फोन और कंप्यूटर स्क्रीन’ के माध्यम से नौ महीने की गहन जलवायु कूटनीति के बाद आई है, जिसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन से पहले जलवायु पर कार्रवाई की अधिकांश वैश्विक प्रतिबद्धताओं को हासिल करना है। यह सम्मेलन 31 अक्टूबर से स्कॉटलैंड में शुरू हो रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »