गौतम चौधरी
अभी हाल ही में धुर्वा स्थित रांची स्मार्ट सिटी परिसर में भारत सरकार के आयकर विभाग द्वारा क्षेत्रीय स्तर का प्रशिक्षण केन्द्र खोलने की प्राथमिक चर्चा हुई है। सबकुछ ठीक रहा तो जल्द इस दिशा में कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण केन्द्र बिहार, झारखंड तथा उड़िसा के लिए संयुक्त रुप से प्रस्तावित है। आयकर विभाग के आला अधिकारियों ने डायरेक्ट टैक्सेज रीजनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलने को लेकर प्लॉट्स एवं उसके आवंटन और अन्य प्रक्रिया की जानकारी ली। यही नहीं रांची स्मार्ट सिटी को एजुकेशन हब के रूप में विकसित करने की योजना है। रांची स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट कदम दर कदम विकास की ओर बढ़ रहा है। रांची स्मार्ट सिटी के माध्यम से पूरे शहर में सड़क, बिजली, जलापूर्ति, सौलिड वैस्ट मैनेजमेंट, ट्रांसपोर्ट इत्यादि का प्रबंधन किया जाएगा। रांची स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी भारतीय प्रशासनिक सेवा के बेहद कर्मठ अधिकारी अमित कुमार के कंधे है। अमित इस परियोजना के प्रधान कार्यकारी अधिकारी हैं। विगत दिनों इस प्रोजेक्ट की अहमियत, झारखंड के विकास में भूमिका और रोजगार सृजन को लेकर प्रोजेक्ट के प्रधान कार्य पदाधिकारी अमित कुमार से गंभीर चर्चा हुई। अमित ने रांची स्मार्ट सिटी को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें बताई। उन्होंन साफ शब्दों में कहा कि इस स्मार्ट सिटी के विकास का प्रभाव पूरे झारखंड पर पड़ेगा और यह सिटी राज्य के नगरीय विकास का मापदंड तय करेगा। अमित के साथ भेटवार्ता का संपादित अंश जनलेख के पाठकों के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है।
प्रश्न : अमित जी स्मार्ट सिटी परियोजना क्या है?
उत्तर : देश की समेकित विकास में शहरों की बढ़ती भागीदारी और भारत के शहरों को भी विश्व स्तरीय शहरों के तर्ज पर विकसित करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने 2015 में स्मार्ट सिटी मिशन योजना की शुरूआत की थी। इस योजना के तहत शहरों के चयन के लिए देश के विभिन्न शहरों के बीच विभिन्न चरणों में प्रतिस्र्पधा करायी गई फिर शहरों का चयन किया गया। 2016 में आयोजित दूसरे चरण के Fast Track प्रतिस्पर्धा में रांची का चयन स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने हेतु किया गया। राज्य सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में 656 एकड़ ग्रीन फिल्ड लैण्ड, जो धुर्वा क्षेत्र में है, पर Area Based Development केे तहत शहर के विकास पर सहमति बनी। देश के अन्य स्मार्ट सिटी में Pan City Project और Retrofitting Project के तहत काम चल रहा है। इन योजनाओं के आने से शहरों के विकास को और गति मिली है। वहीं दुसरी ओर लोगों के जीवन शैली में बड़ा बदलाव दिखने को मिल रहा है। क्योंकि रांची एक ग्रीन फिल्ड प्रोजेक्ट है, इसलिए परियोजना को पूरा होने में दूसरे स्मार्ट शहरों से ज्यादा वक्त लगना अपेक्षित है। यहां एक क्षेत्र आधारित विकास का ढ़ांचा खड़ा किया जा रहा है, जिसमें आवासीय, संस्थागत, व्यवसायिक, स्वास्थ्य इत्यादि का समावेस है।
प्रश्न : स्मार्ट सिटी से राष्ट्रीय स्तर पर देश के लोगों को क्या लाभ मिलने वाला है?
उत्तर : केन्द्र और राज्य सरकारों के सहयोग से चल रही इस योजना का मकसद यह है कि देश के बड़े और मंझोले शहरों को विश्व स्तरीय विकसित किया जाए। अर्थात, नागरिक सुविधायें ठीक वैसी हों, जैसा वर्तमान समय में दुनिया के बड़े शहरों में उपलब्ध हैं। मिशन का यह भी उद्देश्य है की लोगों को बेहतर आवास, शुद्ध पेयजल, बिना रूकावट बिजली, यातायात और परिवहन की बेहतर व्यवस्था, गुणवत्तायुक्त शिक्षा, विधि व्यवस्था, स्वास्थ्य की उत्तम व्यवस्था के साथ साथ IT network और जरूरी बुनियादी सुविधाएं ससमय व सहजता से हर जगह उपलब्ध हो। इसके साथ ही इन योजनाओं के बेहतरी के दौरान रोजगार सृजन भी स्मार्ट सिटी मिशन का मकसद है। स्वाभाविक तौर पर इस तरह की नगरीय सुविधा बहाल होने के बाद लोगों की जीवन शैली और जीवन स्तर सकारात्मक दिशा में बदलेगा। जब लोग बोलेंगे, तो समाज बदलेगा और समाज बदलेगा तो इसका सीधा लाभ राष्ट्र समाज दोनों को मिलेगा।
प्रश्न : झारखंड से रांची एकलौता स्मार्ट सिटी है, वैसे में इस राज्य के विकास में शहर की क्या भूमिका होगी?
उत्तर : झारखंड गठन के 20 साल बाद प्रदेश में बुनियादी जरूरत को लेकर आधारभूत संरचना का आज भी बहुत अभाव है। 656 एकड़ में विकसित हो रही स्मार्ट सिटी के मास्टर प्लान में हमने शैक्षणिक क्षेत्र को मजबुती प्रदान करने की दिशा में विशेष प्रयास किया है। यही वजह है कि सरकार ने इस क्षेत्र का 20 प्रतिशत से ज्यादा जमीन शैक्षणिक संस्थानों के लिए चिन्हित किया है और गुणवत्तायुक्त शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए हम विश्व स्तरीय शैक्षणिक संस्थानों को आमंत्रित कर रहे हैं। इसके साथ ही प्रावधान किया है कि विश्व के 100 सबसे बेहतर विश्वविद्यालयों में D Ranking रखनेवाला विश्वविद्यालय अगर स्मार्ट सिटी में आना चाहे तो उसे 1 रूपय टोकन मनी पर सरकार 25 एकड़ जमीन उपलब्ध करायेगी। इसके साथ ही लोगों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त आवास मिले इस पर भी हमारा विशेष ध्यान है। आवासीय सुविघा हर तबके के नागरिकों को उपलब्ध कराने का प्रावधान है, जैसे EWS, LIG, MIG, HIG एवं Super HIG. वहीं यहां Medical College, Super specialty Hospital बड़े होटल्स, बड़े बडे़ शाॅपिंग माॅल्स भी स्मार्ट सिटी में सुनियोजित तरीके से विकसित होंगे। इसका सीधा लाभ झारखंड के नागरिकों को मिलेगा। इसके साथ ही इस निर्माण प्रक्रिया के दौरान बड़ी संख्या में रोजगार सृजन के अवसर मिलेंगे। रांची स्मार्ट सिटी के किए जा रहे कार्यो के तर्ज पर झारखंड के अन्य शहरों को भी विकसित किया जा सकेगा जिससे झारखंड के अन्य शहर भी स्मार्ट सिटी के तर्ज पर विकसित होंगे। रांची स्मार्ट सिटी एक मॉडल के रूप में अन्य शहरों के लिए कार्य करेगा।
प्रश्न : रांची स्मार्ट सिटी में क्या कुछ प्लानिंग है?
उत्तर : शहर के विकास से पहले मूलभूत संरचना जैसे सड़क, ड्रेनेज सिवरेज सिस्टम, जलापूर्ति पाईपलाईन, एलपीजी. पाईप लाईन, बिजली के लिए जरूरी आधारभूत संरचना का कार्य तेज रफ्तार से चल रहा है। आधारभूत संरचना के विकास की गति अच्छी होने के कारण अब हम मास्टर प्लान के आधार पर स्मार्ट सिटी के 51 प्लॉट के e-auction की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं। इसके साथ हम यह भी बताना चाहेंगे की यह शहर बिल्कुल हरा भरा होगा उस पर भी हमारा विशेष ध्यान है। पूरे क्षेत्र का 37 प्रतिशत भाग Open space and greenery के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके साथ ही विकास के रास्ते में आने वाले पेड़ पौधों को हम यथा संभव बचाने की कोशिश कर रहे हैं। जहां बहुत आवश्यक है वहीं पेड़ो की कटाई की जा रही है और हमारा लक्ष्य है कि उससे 10 गुणा ज्यादा पौधे लगाये जाएं। इसके साथ ही हर घर Green Building (GRIHA-2) के रूप में विकसित होगा। जल संरक्षण के दिशा में भी हमारा विशेष जोर है इसलिए हम Sewerage Treatment Plant (STP) से recycle water को treatment केे बाद हर प्लोट में Secondary use नेम आपूर्ति करेंगे। पूरे ABD area में कोई भी overhead wire नहीं होगा और सारी सुविधाएं underground utility duct के माध्यम से हर प्लॉट तक पहुंचेंगी।
प्रश्न : e-auction की क्या प्रक्रिया है?
उत्त र: वर्तमान में ABD area के अन्तर्गत 51 प्लाटों की e-auction के लिए निविदा निकाली गई है। इन प्लाटों में हर तरह के स्ंदक नेम के प्लाट्स हैं जैसे – संस्थागत, आवासीय, व्यवसायिक, मिश्रित एवं स्वास्थ्य सेवा संबंधी। e-auction के विषय में सारी जानकारियाँ e-auction portal “eauction.rsccl.in” पर उपलब्ध है। इच्छुक निविदादाता इस Portal पर जाकर अपना निबंधन करा सारी जानकारियां एकत्र कर सकते हैं। इसी portal के माध्यम से अपने पसंद के प्लॉट की e-auction के लिए निविदा डाल सकते हैं, जिसकी अन्तिम तिथि 12.02.2021 है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से transparent है। निविदादाता घर बैठे Portal के माध्यम से e-auction प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं, इसके लिए उन्हे कार्यालय का चक्कर लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
प्रश्न : रांची शहर में क्या कुछ परिवर्तन दिखेगा?
उत्तर : वैसे तो रांची में विकसित हो रहा स्मार्ट सिटी बिल्कुल एक नया शहर है पर हमने पुराने शहर में बलदेव को ले कर कुछ योजनाएं तैयार किए हैं। भविष्य में शहर के अन्य भाग में भी खाली जगह पर स्मार्ट सिटी के तर्ज सारी सुविधाओं को विकसित किया जायेगा। Public Transport एवं last mile connectivity को बढ़ावा देने के लिए हमने Green Transport के रूप में Public Bicycle Sharing System की शुरूआत की है, जो पुरे रांची में फैला है। प्रथम चरण में 600 साईकिल और 60 Docking station के साथ यह सुविधा जारी है एवं 2nd Phase के अन्तर्गत 600 अतिरिक्त साईकिल एवं 60 Docking station के साथ यह सुविधा बहुत जल्द शुरू की जायेगी। इसके साथ ही पूरे शहर पर नजर रखने के लिए Command Control and Communication Centre(C4) काम करना शुरू कर दिया है। इस योजना से पूरे शहर की Traffic व्यवस्था और crime control करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया जा रहा है। यही नहीं इस योजना के सहयोग से Traffic Signal का उल्लंघन यथा Red Light violation detector, Automatic number Plate recognition जैसे system कार्य कर रहे हैं, जो Traffic Police को इससे काफी सहायता मिल रही है। शहर में किसी भी Traffic Police के लिए महत्वपूर्ण 50 जगहों पर emergency call box लगाए गए हैं, जहां से नागरिक सीधे command control Room से सम्पर्क कर अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं। लोगों को सरकारी योजनाओं एवं जनहित की जानकारी देने या किसी भी गलत अफवाह पर विराम लगाने के लिए Public Address System और variable message signboard की व्यवस्था भी C4 की ओर से की गई है। C4 के तहत् ही राँची वासियों के लिए एक मोबाइल एप की सुविधा प्रदान की गई है, जिसमें यह सुविधा है कि आपात स्थिति में सिर्फ एक SOS बटन के माध्यम से 5 सेकंड की एक वीडियो उनके लोकेशन के साथ कमांड सेंटर को चली जाएगी जिससे उन्हें त्वरित आवश्यक सहायता प्रदान की जा सकेगी। इन योजनाओं का लाभ पुरे रांची वासियों को मिलेगा।
प्रश्न : रांची स्मार्ट सिटी से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार की क्या संभावना है?
उत्तर : जिस योजना के तहत रांची स्मार्ट सिटी के विकास की रूपरेखा तैयार की गई है, उसके मुताबिक यहां पर 70000 लोगों के लिए स्थायी आवास की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही 80000 से ज्यादा आबादी Floating Population की तरह होगी जो प्रतिदिन किसी न किसी कार्य शिक्षा, नौकरी और रोजगार, स्वास्थ्य के लिए स्मार्ट सिटी का रुख करेंगे। स्वाभाविक तौर पर शैक्षणिक संस्थान अस्पताल, होटल्स शाॅपिंग माॅल्स सरकारी गैर सरकारी दफतर में काम करने वाले ज्यादातर लोग झारखंड के ही होंगे इस लिए रोजगार के क्षेत्र में सबसे ज्यादा लाभ झारखंड के ही लोगों को मिलेगा।