रांची/ रांची जिला भाकपा के जिला मंत्री सह राज्य कार्यकारणी सदस्य अजय सिंह ने एक बयान जारी कर हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार के ई-पास सिस्टम पर सवाल खड़े किए हैं। सिंह ने अपने जारी बयान में कहा कि सरकार का फैसला 16 से 27 मई तक स्वास्थ सुरक्षा सप्ताह के दौरान हर व्यक्ति को ई-पास लेना आवश्यक होगा, यह कही से न्यायोचित नहीं है।
सीपीआई नेता ने कहा कि इससे हजारो दिहाड़ी मजदूर, प्रतिदिन सब्जी फल और पत्ते बेचकर जिविका चलाने बाले लोग प्रभावित होंगे। सिंह ने कहा कि यह आम नागरिक के निजता कानून का भी उलंघन है। आम लोग जो सुबह सब्जी, दूध जैसे आवश्यक खाद्य पदार्थ खरीदने निकलते है, बैसे सभी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
अजय सिंह ने कहा कि पुलिस आपदा प्रबंधन कानून के तहत नहक लोगों को परेशान करने लगेगी। केस और कानूनी कार्रवाई करेगी, जिससे आम जनता में असंतोष व्याप्त होगा। यह सरकार के मुखिया के लिए ठीक नहीं होगा। एक तरफ सरकार कंस्ट्रक्शन, खेती और किसानों, मजदूरों के हित की बात करती है और दूसरी ओर लोगों के हितों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। ई-पास अनिवार्य होना खुद सरकार के फैसले की विपरीत है।
उन्होंने कहा कि मीडिया कर्मियों के लिए भी पास अनिवार्य कर दिया गया है, जो लोकतंत्र का चैथा अस्तंभ पर सरासर आक्रमण है। सरकार जनहित में कई अच्छे और कड़े कदम उठा रही है जो सराहनीय है, परंतु ई-पास वाला सरकार के फैसला किसी कीमत पर सही नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री को खुद विचार करना चाहिए और समय रहते इसे हटा लेना चाहिए नहीं तो झारखंड की स्थिति बिगड़ भी सकती है। सरकार के इस फैसले का सीपीआई विरोध करती है।