चेन्नई/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 को वैश्विक महामारी बताते हुए कहा कि यह एक अप्रत्याशित बीमारी थी लेकिन भारत ने इसका आत्मविश्वास के साथ सामना किया। अन्ना विश्वविद्यालय में शुक्रवार आयोजित 42वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का ‘‘स्वभाव’’ सुधार करने का है। उन्होंने कहा कि यह सरकार प्रतिबंधात्मक नहीं, बल्कि उत्तरदायी है। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने ड्रोन एवं भू-स्थानिक और बुनियादी ढांचा सहित विभिन्न क्षेत्रों में किए गए सुधारों का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी ने हर देश की ‘‘परीक्षा ली’’। मोदी ने कहा, ‘‘भारत ने अपने वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य सेवा कर्मियों, पेशेवरों और आमजन की मदद से अज्ञात (समस्या) का आत्मविश्वास से मुकाबला किया। इसके परिणामस्वरूप, भारत में हर क्षेत्र को नया जीवन मिल रहा है, चाहे वह उद्योग हो, नवाचार हो, निवेश हो या अंतरराष्ट्रीय व्यापार हो।’’
उन्होंने कहा कि देश हर क्षेत्र में अग्रणी है और बाधाओं को अवसर में बदल रहा है। उन्होंने देश की सहायता के लिए पूर्वप्रभावी कर को हटाने और विभिन्न क्षेत्रों में किए गए सुधारों की सराहना की।
मोदी ने स्नातक करने वाले युवाओं से कहा कि आज का दिन उपलब्धियों का नहीं, बल्कि आकांक्षाओं का दिन है। उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षकों, गैर शिक्षकों और अन्य कर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि वे ‘‘राष्ट्र निर्माता’’ हैं, जो ‘‘भावी नेताओं’’ यानी छात्रों को तैयार कर रहे हैं।
उन्होंने अपने बच्चों के विकास के लिए ‘‘अहम’’ बलिदान देने के वास्ते उनके माता-पिता की भी सराहना की। मोदी ने 100 साल से अधिक समय पहले कहे गए स्वामी विवेकानंद के शब्दों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने समस्याओं के समाधान के लिए युवा पीढ़ी पर भरोसा दिखाया और उनके ‘‘वे शब्द आज भी प्रासंगिक हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज केवल भारत ही अपने युवाओं की ओर नहीं देख रहा, बल्कि पूरी दुनिया उम्मीद के साथ भारत के युवाओं की ओर देख रही है, क्योंकि आप देश के विकास के इंजन हैं और भारत दुनिया के विकास का इंजन है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत सम्मान की बात होने के साथ-साथ एक बड़ी जिम्मेदारी भी है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने अपने संबोधन में राज्य में शिक्षा के माहौल की सराहना की और कहा कि यह राज्य उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले लोगों की संख्या के मामले में सबसे अलग नजर आता है।
स्टालिन ने कहा कि उनकी सरकार ने शिक्षा को अत्यधिक महत्व दिया है। उन्होंने इस क्षेत्र में की गई विभिन्न पहलों का जिक्र भी किया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल आर. एन. रवि, केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुरुगन और तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी भी शामिल हुए। समारोह में छात्रों को डिग्री और मेडल दिए गए।