नई दिल्ली/ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार शाम को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पंजाब में पनप रहे ड्रोन जैसे ताजा खतरे, किसान आंदोलन और किसान नेताओं की सुरक्षा पर बात की। मुलाकात के दौरान उन्होंने शाह से सेंट्रल फोर्स की 25 कंपनियां भी मांगी हैं। इनकी तैनाती जालंधर, अमृतसर, लुधियाना, मोहाली, पटियाला, भठिंडा, फगवाड़ा और मोगा में करने के लिए उन्होंने कहा।
शाह व कैप्टन की इस मुलाकात वैसे सामपन्य बताया जा रही है लेकिन राजनीतिक विश्लेषक इसे कांग्रेस के अंदर चल रहे आंतरिक गतिरोध से जोड़ कर भी देख रहे हैं। शाह के साथ मुलाकात के बारे में कैप्टन ने बताया कि प्रदेश के 5 किसान नेताओं की जान को खतरा है। ये नेता पंजाब और हरियाणा पुलिस की सिक्योरिटी लेने से इनकार कर चुके हैं। इसलिए केंद्र इन नेताओं की सुरक्षा का इंतजाम करे।
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन लंबे समय से चल रहा है। कैप्टन ने साफ शब्दों में कहा कि अब सीमा पार से किसानों को सरकार के खिलाफ भड़काया जा रहा है। उन्होंने केन्द्रीय गृहमंत्री से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। कैप्टन ने पाकिस्तान सीमा पर तैनात बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) को एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी भी देने की मांग की।
कैप्टन ने शाह को जो जानकारियां दीं, उनमें सबसे अहम कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में शामिल किसान नेताओं की जान को खतरा है। उन्होंने 5 किसान नेताओं के बारे में बताया, जिनके खतरे के बारे में खुफिया एजेंसियों के पास सटीक इनपुट हैं। इनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
इसके अलावा कैप्टन ने पंजाब में मंदिरों, आरएसएस शाखा और ऑफिस, उनके नेता, भाजपा, शिवसेना नेताओं के साथ डेरा, निरंकारी भवन और समागमों को भी खतरा बताया। उन्होंने हाल ही में अमृतसर से मिली विस्फोटक सामग्री के बारे में भी बात की।
कैप्टन ने अमित शाह से किसानों के भारी विरोध का कारण बने कृषि सुधार कानूनों को लेकर गंभीर बातें कही है। उन्होंने कहा कि लंबे आंदोलन की वजह से सीमा पार से उन्हें सरकार के खिलाफ भड़काया जा सकता है, इसलिए इस मुद्दे का जल्दी समाधान होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए इससे हालात बिगड़ सकते हैं। अमरिंदर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं।