पुष्पेश कुमार पुष्प
आधनिक युग के लोग भूत – प्रेत की बातों पर विश्वास नहीं करते। लेकिन क्या सचमुच भूत – प्रेत होते हैं? क्या वास्तव में भूत – प्रेतों का अस्तित्व है? विज्ञान भूत – प्रेतों के अस्तित्व को नहीं मानता। लेकिन कुछ लोग भूत – प्रेत के अस्तित्व को मानते हैं। इससे इतना तो तय है कि आज भी लोग भूत – प्रेतों की बातों पर विश्वास करते हैं। कोई माने या न माने लेकिन वास्तव में भूतों का अस्तित्व है। भूतों के अस्तित्व से संबंधित कई प्रमाण मौजूद हैं, जिन पर लोगों को सहज ही विश्वास करना पड़ता है। एक भूत ने तो इंगलैंड के एक महत्वपूर्ण हवाई अड्डे को बंद करवा दिया था।
बात द्वितीय विश्वयुद्ध की है, जब यार्कशायर स्थित रॉयल एयर फोर्स का अति महत्वपूर्ण हवाई अड्डे को एक भूत के कारण बंद कर दिया गया। इस हवाई अड्डे पर कार्यरत मामूली कर्मचारी से लेकर पायलट और कमांडरों तक ने भूत के डर से काम करने से साफ मना कर दिया। इधर विश्व युद्ध की आग तेजी से भड़क उठी थी।
हवाई अड्डे के कर्मचारियों सहित पायलट का कहना था कि कीचड़ से लथपथ एक व्यक्ति उन्हें दिखाई देता है जिसकी घूरती आंखें उन्हें काम नहीं करने देती। देखते ही देखते वह आदमी हवा में अदृश्य हो जाता है। यह दृृश्य इतना भयावह होता है कि वह अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाते। उन्होंने यह निर्णय लिया कि वे अब वहां काम नहीं करेंगे।
इधर युद्ध की भयानक स्थिति और इंगलैंड के इस महत्वपूर्ण वायुसेना के हवाई अड््डे पर काम ठप्प। वायु सेना के बड़े से बड़े अधिकारी वहां भेजे गये, लेकिन परिणाम वही था। एक दिन एक कमांडर हठ करके अपना विमान उड़ाने गया, लेकिन हवाई जहाज का इंजन स्टार्ट करते ही, उसे सामने कीचड़ में लथपथ अस्थिपंजर सा वह व्यक्ति दिखाई दिया। उसको देखते ही कमांडर भयानक ढंग से चीखा और बेहोश हो गया। उसके साथियों ने तुरंत डॉक्टर को बुलाया।
जहाज का इंजन बंद कर दिया गया। कमांडर की चिकित्सा करने आये डॉक्टर ने भी वैसा हीश्दृृश्य देखा, तो वह भी भूूत के अस्तित्व को अस्वीकार नहीं कर सका। तुरंत निर्णय लिया गया और वह हवाई अड्डा बंद कर दिया गया। इसके संबंध में इंगलैंड में काफी समय तक चर्चा चलती रही। हवाई अड्डा बंद कर देने के बाद भी कई लोगों और हवाई अड्डे के कर्मचारियों ने रात्रि में भूत देखने की बात कही।
लोगों का कहना था कि रात के समय उस क्षेत्रा में कीचड़ में फंसे एक व्यक्ति को देखा है। उसकी आंखें काफी भयावह थी तथा उसके कपड़े कीचड़ से बुरी तरह सने हुए थे। वह उनसे स्टेशन की दिशा, ऑपरेशन रूम और सैन्य अधिकारियों के मेस का रास्ता पूछ रहा था, उसके बाद वह रात्रि के गहन अंधकार में गायब हो गया।
इंगलैंड के इस बहुचर्चित हवाई अड्डे के संबंध में सन् 1970 में एक कंपनी ने साहस दिखाया और हवाई अड््डे के समीप एक बहुत बड़ा दलदल था। उसको सुखाया गया और भवन – निर्माण हेतु खुदाई की गई, तो वहां कार्यरत मजदूर यह देखकर हैरान रह गये कि उस दलदल वाले क्षेत्रा में एक हवाई जहाज का मलबा पड़ा था, साथ ही चार मानव अवशेष भी थे, जिनकी पहचान करना संभव नहीं था।
इन मानव अवशेषों को कब्रिस्तान में दफना दिया गया। और तभी से वहां भूतों को देखा जाना बंद हो गया। वहां भवन निर्माण का कार्य जारी हो गया और आज उस हवाई अडडे के समीप एक औद्योगिक केंद्र स्थापित है तथा हवाई अड््डे को प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पायलटों के लिए उपयोग में लाया जाता है।
हवाई अड््डे के भूत के संबंध में रहस्य खोला, द्वितीय विश्वयुद्ध के समय वहां कार्यरत एक पायलट ने। उसने बताया कि उन्हीं दिनों एक रात एक पोलिश हवाई दल हमले के बाद, यूरोप के ऊपर से गुजर रहा था। वहीं उस पर विलिंगटन बमवर्षक जर्मन लड़ाकू जहाजों ने उस पर एकाएक आक्रमण कर दिया।
जहाज का पायलट बुरी तरह से घायल हो गया और उसे यह भी पता नहीं था कि विमान में मौजूद उसके सभी साथी मारे जा चुके हैं। कई घंटे तक वह घायल पायलट अपने क्षतिग्रस्त बमवर्षक को वापस लाने के लिए संघर्ष करता रहा। किंतु रॉयल एयर फोर्स के मुख्य हवाई पट््टी से पांच सौ गज इधर ही एक निर्जन क्षेत्रा के दलदली भूमि में विमान टुकड़े – टुकड़े होकर गिरने लगा। कुछ ही क्षणों में वह दुर्घटनाग्रस्त विमान दलदल में विलीन हो गया।
आज भी वहां प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवा पायलट अक्सर भूत की चर्चा करते हैं लेकिन वह उन्हें दिखाई नहीं देता है, इसका उन्हें बेहद अफसोस है।
(अदिति)