चंडीगढ़/ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने किसानों को उपज के लाभदायक मूल्य और लोगों को सस्ते मूल्य पर मानक वस्तुओं की सप्लाई के लिए देश में अंतरराज्यीय व्यापार को और प्रभावशाली बनाने की वकालत की।
पंजाब भवन में विभिन्न राज्यों के चेयरमैनों और मंडी बोर्डों के प्रबंध निर्देशकों के साथ मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि वस्तुओं की खरीद-फरोख्त के लिए सांझा प्लेटफार्म तैयार करने के लिए सभी राज्यों को हाथ मिलाना चाहिएं। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हितों की रक्षा करना समय की जरूरत है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे लोगों को मानक उत्पादों की उपलब्धता और किसानों को उपज का लाभदायक मूल्य यकीनी बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यकीनी बनाया जायेगा कि समाज के हर वर्ग को इस कवायद से लाभ मिले। उन्होंने कहा कि अब जब समूचा विश्व एक मंडी के तौर पर उभरा है तो पैदावार और मंडीकरण सम्बन्धी राज्यों के बीच अनावश्यक बंधिशों को दूर किया जाना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ’फार्म टू फोरक’ (खेत से सीधा उपभोक्ता) संकल्प को अपनाने और सभी राज्यों में माल की उपलब्धता के साथ उपभोक्ताओं और किसानों को बहुत काफी लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को इसका लाभ यकीनी बनाने के लिए यह पहुँच अपनानी लाजिमी है। उन्होंने कहा कि खेती लागतें लगातार बढ़ रही हैं और कम लाभ के कारण खेती अब लाभदायक धंधा नहीं रही। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अगर उत्पाद के मंडीकरण के लिए सांझे प्लेटफार्म का विचार विकसित होता है तो इससे किसानों को बड़ी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडलों को राज्य की तरफ से लोक भलाई के लिए ग्रामीण विकास फंड ( आर. डी. एफ) के सफलतापूर्वक प्रयोग के बारे भी बताया। हालाँकि उन्होंने अफसोस जताया कि राज्य के आर. डी. एफ. की 5637.4 करोड़ रुपए की बड़ी रकम अभी भी केंद्र सरकार के पास बकाया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कई यत्नों के बावजूद केंद्र सरकार यह फंड जारी नहीं कर रही, जो पंजाब के साथ सरासर बेइन्साफी है।
इस मौके पर पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन हरचन्द सिंह बरसट, गोआ मंडी बोर्ड के चेयरमैन प्रकाश चंद्र वेलिप, हरियाणा मंडी बोर्ड के चेयरमैन आदित्या देवी लाल चैटाला, उत्तराखंड मंडी बोर्ड के एम. डी. अशीष और अन्य भी उपस्थित थे।