चीन में एक जनपक्षीय पत्रकार की पुलिस ने की हत्या, दुनिया भर के पत्रकारों ने किया विरोध

चीन में एक जनपक्षीय पत्रकार की पुलिस ने की हत्या, दुनिया भर के पत्रकारों ने किया विरोध

नयी दिल्ली/ पिपल्स रिपब्लिक आॅफ चाइना में एक पत्रकार की हत्या कर दी गयी। नागरिक मुद्दों को लेकर पत्रकारिता करने तथा विभिन्न प्रकार के स्थानीय आन्दोलनों में सक्रिय रहने वाले सन लिन नामक पत्रकार की हत्या खुद चीनी पुलिस के द्वारा की गयी। दरअसल, 17 नवम्बर को लिन अपने आवास पर थे कि अचानक पुलिस उन्हें चारो ओर से घेर ली। इसी दौरान लिन की पुलिस के साथ झड़प हो गयी। आरोप है कि लिन की पुलिस के साथ झड़प के दौरान हत्या कर दी गयी।

सिटिजन जर्नलिस्ट और एक्टिविस्ट सन लिन की 17 नवंबर को उनके घर पर पुलिस की छापेमारी के दौरान हुए झगड़े में हत्या कर दी गई थी। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने पत्रकार की हत्या की कड़ी निंदा करते हुए अधिकारियों से तत्काल पारदर्शी जांच करने और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह बनाने का आग्रह किया है।

प्रत्यक्षदर्शी एक पड़ोसी के अनुसार 17 नवंबर की दोपहर को चीन के कई राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी नागरिक पत्रकार सन लिन के नानजिंग वाले घर में जबरन घुस गए। स्थानीय पड़ोसियों ने बताया कि पत्रकार और पुलिस के बीच विवाद उन लोगों ने सुना और देखा भी। ‘जी मू’ उपनाम से रिपोर्ट करने के लिए जाने जाने वाले सन को दोपहर 2.30 से 3 बजे के बीच इंटीग्रेटेड ट्रेडिशनल चाइनीज एंड वेस्टर्न मेडिसिन हॉस्पिटल ले जाया गया और शाम 5.45 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

पत्रकार की हत्या के बाद, स्थानीय पुलिस ने मारे गए पत्रकार के परिजनों को बुलाया और कई घंटों तक उन लोगों को अस्पताल में रोक कर रखा गया। इस बीच उन्हें तंग करने की भी खबर है। पश्चिमी एवं स्वतंत्र मीडिया में आयी खबर के अनुसार पत्रकार के सिर में गंभीर चोटें आई और उनके कपड़े फटे हुए थे। हालांकि, पत्रकार के परिजनों को लाश तक पहुंचने से मना किया गया था।

वैसे तो पुलिस छापेमारी के पीछे का कोई कारण सामने नहीं आया है लेकिन लिन पर शासन के खिलाफ खबर चनाने का आरोप पहले से लगता रहा था। नवंबर की शुरुआत में, नानजिंग और वुहान कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच एक संयुक्त अभियान ने सन लिन द्वारा लिखी गई एक नई पुस्तक को जब्त कर लिया गया, जिसे वुहान में रहने वाले एक दोस्त को भेजा गया था। कुछ मीडिया वाहिनियों ने दावा किया है कि सन लिन ने सोशल मीडिया पर उन वीडियो को साझा किया था, जिसमें सैन फ्रांसिस्को में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग मंच में शी जिनपिंग की हालिया उपस्थिति के दौरान उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को दर्शाया गया था।

सन लिन पहले बॉक्सन न्यूज नेटवर्क, बॉर्डरलेस और अन्य मीडिया वाहिनियों के लिए काम करते थे। उनकी पहचान एक नागरिक पत्रकार के रूप में थी। लिन एक मानवाधिकार कार्यकर्ता भी थे। इससे पहले दिसंबर 2018 में लिन को नानजिंग में ‘राज्य सत्ता के विनाश के लिए उकसाने’ के आरोप में चार साल के लिए जेल भेज दिया गया था। उस वक्त लिन पर अरोप था कि वे एक मानवाधिकार कार्यकर्ता के मुकदमे के बाहर तस्वीरें ली थी और लोकतंत्र समर्थक सोशल मीडिया पर उसे पोस्ट कर दिया था। इससे पहले उन्हंे 2008 में स्मारकों के कवरोज के एक मामले में चार साल के लिए देश से निष्कासन की सजा मिली थी।

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