सोशल मीडिया से प्राप्त आदिवासी परंपराओं में एक फूलो-झानो मात्र नहीं हैं, उनके जैसी कई पुरखिन औरतें और वर्तमान समय में भी उनका निर्वाह करने
Category: History & Archeology
आज़ाद ने मज़दूर और ग़रीबों के जीवन को नज़दीक से देखा था
चन्द्रशेखर आज़ाद के जन्मदिवस (23 जुलाई) के अवसर पर महान युवा क्रान्तिकारी और हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के कमाण्डर चन्द्रशेखर आज़ाद का जीवन अन्याय, ज़ुल्म
इतिहासनामा/ संत कबीर : कहें कबीर एक राम जपहु रे, हिंदू तुरक न कोई
रज़ीउद्दीन अक़ील सामाजिक न्याय और सांप्रदायिक सौहार्द से जुड़े सवालों के सन्दर्भ में देखा जाए तो एक खुदा को मानने वाले (मुवहहिद) संत कबीर (मृत्यु
पटना की वो तवायफ जो मच्छरहट्टा के सतघरवा में रहती थी
अरुण सिंह अगली पुस्तक के लिए पटना की तवायफों पर काम करते हुए बी. छुट्टन नाम की एक बेमिसाल किरदार से सामना हुआ। वह 1875
उत्तराखंड की इस महिला को आप शायद नहीं जानते होंगे, इसने तीन देशों में बनवाए 500 से अधिक धर्मशालाएं
गौतम चौधरी आज से लगभग दो सदी पहले की बात है। उन दिनों पहाड़ में किसी प्रकार का कोई राजनीतिक प्रतिबंध नहीं लगा था। न
भारत दर्शन/पर्यटन/ गुजरात जाएं तो अहमदाबाद के एतिहासिक स्थल को देखना न भूलें
विनोद बब्बर गुजरात में प्रगति और समृद्धि का आगमन चालुक्य (सोलंकी) राजाओं के समय में हुआ। वैसे इस प्रदेश का इतिहास ईसा पूर्व लगभग 2
इतिहास के आईने में बिहार और तिरहुत : सुगांव डायनेस्टी और विद्यापति
संजय ठाकुर पूर्वी चम्पारण जिला के सुगौली प्रखंड के सुगांव को दिल्ली के बादशाह गयासुद्दीन तुगलक (1320से1324) के कालखण्ड में तिरहुत की राजधानी होने का
माखनलाल चतुर्वेदी की जयंती/ ‘पुष्प की अभिलाषा’ और ‘अमर राष्ट्र’ के गायक थे माखनलाल चतुर्वेदी
मोहन मंगलम माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल 1889 को होशंगाबाद जिले में बाबई नामक स्थान पर हुआ था। उनकी आरंभिक शिक्षा घर पर ही
‘फूल्स डे’ विशेष : मूर्ख दिवस के मजेदार किस्से
डॉ घनश्याम बादल यूं तो हर आदमी अपने आप को बुद्धिमान और सयाना कहलवाना पसंद करता है और यदि उसे कोई मूर्ख कह दे तो
इतिहास/ चिटगाँव विद्रोह, मास्टर दा और उनकी दो क्रांतिकारी महिला साथी
शमीमउद्दीन अंसारी साहब के वाॅल पेज से मैं कलकत्ते नहीं जाता तो मास्टर सूर्य सेन के बारे में जान नहीं पाता, और उनके बारे में