दक्षिण का हिंसक आन्दोलन और खालिस्तानी उभार कहीं अमेरिकी कूटनीतिक चाल तो नहीं?

गौतम चौधरी  एक ओर पंजाब में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह शांत हवा में बारूद की गंध घोल रहा है, तो दूसरी ओर सुदूर दक्षिण तमिलनाडु

BBC. चलनी है, सूप तो कतई नहीं

के. विक्रम राव यह पुख्ता अवधारणा है मेरी कि नरेंद्र मोदी लाख कोशिशों के बावजूद इंदिरा गांधी की गहराइयों को कतई पा नहीं पायेंगे। छू

अमृतपाल के बहाने पंजाब में फिर आतंक की आहट

गौतम चौधरी पंजाब एक बार फिर से उबला पड़ा है। इस बार खालिस्तानी सोच को किसी अमृतपाल सिंह नामक युवक का नेतृत्व मिला है, जो

इस्लाम न तो आधुनिकीकरण का विरोधी है और न ही खेल-कूद का

सूफी मोहम्मद कौसर हसन मजीदी इस्लाम न तो आधुनिकीकरण का विरोधी है और न ही खेल-कूद का। मासलन, इस्लाम उन बातों से दूर रहने की

धर्म के नाम पर मुस्लिम युवतियों की शिक्षा के साथ खिलवाड़

हसन जमालपुरी शिक्षा हर राष्ट्र के समाज को आकार देने में बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वास्तव में, यह किसी भी समाज और देश

पंजाब के थाने पर खालिस्तानियों के कब्जे को हल्के में न ले सरकार

राकेश सैन अभी हील ही में बीते बृहस्पतिवार यानी 23 फरवरी 2023 को पंजाब के अजनाला कस्बे के थाने पर खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब

बीबीसी, हिण्डनबर्ग व जॉर्ज सोरोस के बाद क्या?

राकेश सैन एक जुलाई, 2021 को ‘न्यूयार्क टाइम्स’ ने दक्षिण एशिया व्यवसायी संवाददाताओं के लिए आवेदन मांगे। इसके लिए शर्तों में लिखा कि अभ्यर्थी ऐसा

केरल उच्च न्यायालय के फैसले से आखिर नाराज क्यों है मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड?

गौतम चौधरी भारत सरकार के द्वारा तीन तलाक पर मुकम्मल कानून बना दिए जाने के बाद एक बार फिर माननीय न्यायालय और आॅल इंडिया मुस्लिम

अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित करनी है तो पसमांदा मुसलमानों को अवसर का लाभ उठाना चाहिए

गौतम चौधरी  भारतीय समाज की सबसे बड़ी खासियत जाति प्रबंधन है लेकिन कई बार इस प्रबंधन का दुष्परिणाम भी देश को मुगतना पड़ा है। किसी

मुसलमान क्या अपनी आधी आबादी की उपेक्षा कर समाज को समुन्नत बना सकते?

गौतम चौधरी सच पूछिए तो इस्लाम में मर्द और औरत के बीच कोई भेदभाव नहीं है। इस्लामिक साहित्यों में इस बात की मुकम्मल चर्चा की

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