रांची/ निःसंतान महिला बच्चा चोर के चक्कर में फंसकर अपराध कर बैठी। अब उसे जेल जाना पड़ेगा। यदि वह पहले सतर्क रहती तो उसे इस प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।
मामला एक बच्ची के अपहरण और उसे बेचने का है। 15 जुलाई को बूटी मोड़ के पास से एक छह वर्षीय बच्ची अंजली को अगवा किया गया था। बच्ची को बाद में निःसंतान परिवार को बेच दिया गया। 11 अगस्त को सदर थाना (रांची) की पुलिस ने बेंगलुरु से अंजली को बरामद कर लिया। पुलिस ने उसका अपहरण करनेवाली गुड़िया देवी व उसके सहयोगी को भी गिरफ्तार कर लिया है।
इस मामले में दूसरी ओर 40 हजार में बच्ची खरीदनेवाली निःसंतान बेंगलुरु निवासी बेबी देवी को भी गिरफ्तार किया गया है। निःसंतान बेबी के पति योगेंद्र शर्मा का बेंगलुरु में होटल है। पुलिस ने बेंगलुरु के वेलीकावल थाना क्षेत्र के सी क्रॉस बाइपास गार्डेन पाइप लाइन स्थित बेबी देवी के घर से बच्ची अंजली को बरामद किया गया।
बच्ची को बरामद करने के बाद सदर थाना पुलिस की टीम बेबी देवी को पूछताछ के लिए रांची पहुंची। इसके बाद बेबी देवी को गिरफ्तार किया गया, जबकि गुड़िया व नाबालिग की गिरफ्तारी सदर थाना क्षेत्र के खिजूरटोला किशुनपुर स्थित उसके घर से हुई है।
बेबी देवी भी मूल रूप से किशुनपुर की रहनेवाली है। गुड़िया ने बताया कि अंजली बूटी मोड़ के पास अपनी बड़ी बहन के साथ भीख मांगती थी।
अपहरण के दिन बूटी मोड़ के पास अंजली को फल खाने का लालच देकर उसे अपने पीछे ले जाने लगे। थोड़ी दूर जाने के बाद दोनों ने बच्ची को ऑटो में बैठा लिया। दोनों ने अंजली का अपहरण से पूर्व अलबर्ट एक्का चैक के पास से भी किसी बच्चे या बच्ची को अपहरण करने का प्रयास किया था लेकिन वहां उन्हें सफलता नहीं मिली। पुलिस के अनुसार, अंजली की मां का नाम बालो देवी है, जबकि पिता का नाम नीरल पासी है। सभी ओरमांझी के रहनेवाले हैं। राजधानी में भीख मांगनेवाली किसी बच्ची के अपहरण के बाद उसे बेचने का यह पहला मामला प्रकाश में आया है।