नयी दिल्ली/ चीन ने एक बार फिर भारत के साथ धोखा करते हुए वर्ष 1998 के आईसी 814 विमान अपहरण मामले के प्रमुख्य साजिशकर्ताओं में से एक अब्दुल रऊफ अजहर का बचाव किया है। चीन ने असगर को वैश्विक आतंकी सूची में नाम डालने का विरोध किया है। शनिवार को भारत के पक्ष की मुखाल्फत करते हुए चीन ने कहा कि उसे सभी रूपों में आतंकवाद का विरोध करने का दावा करते हुए प्रस्ताव का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करना चाहिए। इसके लिए और अधिक समय की जरूरत है। बता दें कि पाकिस्तान द्वारा संपोषित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी मसूद अजहर के भाई रऊफ अजहर पर कई आतंकी हमलों की साजिश रचने का आरोप है।
भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका चाहते हैं कि असगर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया जाए लेकिन स्थायी वीटो शक्ति संपन्न चीन लगातार इसका विरोध करता रहा है। चीन ऐसा इसलिए कर रहा है कि वह इन दिनों पाकिस्तान का न केवल करीबी है अपितु रणनीतिक सहयोगी बनकर भी उभरा है।
इस मामले में भारत में चीन के राजदूत सुन विदोंग ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उक्त व्यक्ति के बारे में उनके देश का स्पष्ट रुख है और यह रुख सुरक्षा परिषद के नियमों के अनुकूल ही है। जबतक उनका मूल्याकण पूरा नहीं हो जाता तबतक चीन भारत के पक्ष का समर्थन नहीं कर सकता है।
दरअसल, अमेरिका और भारत यूएन की सिक्योरिटी काउंसिल में जैश सरगना मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर के खिलाफ प्रस्ताव लाए थे। इस प्रस्ताव में अब्दुल रऊफ अजहर पर वैश्विक प्रतिबंध लगाने और उसकी संपत्ति को फ्रीज करने की मांग की गई थी लेकिन चीन ने इस प्रस्ताव पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि वह इस मामले में और अधिक मूल्याकण के पक्ष में है।
अब्दुल रऊफ अजहर बेहद खतरनाक आतंकवादी है। उसे पाकिस्तान के जासूसी संगठन आईएसआई का सीधा समर्थन प्राप्त है। उसका जन्म 1974 में पाकिस्तान में हुआ था। अमेरिका ने दिसंबर 2010 में उस पर लगा दिए थे। चीन ने यह कहते हुए इस प्रस्ताव का विरोध किया कि उसे अभी प्रस्ताव को पढ़ने के लिए और समय चाहिए।
यह दो महीने में दूसरा मौका है, जब चीन ने यूएनएससी में भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर रोक लगाई है। इससे पहले जून में चीन ने लश्कर ए तैयबा के डिप्टी चीफ अब्दुर रहमान मक्की के खिलाफ प्रस्ताव पर रोक लगाई थी। मक्की को अमेरिका ने प्रतिबंधित आतंकी घोषित किया है। वह लश्कर चीफ और 26/11 हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद का साला है।
अमेरिका का आरोप है कि अजहर पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। 2008 में अजहर ने भारत में आत्मघाती हमलों की साजिश रची थी।
भारत ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद का मुद्दा उठाया था। साथ ही आतंकियों की मदद करने वाले देशों की जमकर फटकार लगाई थी। आतंकवादी गतिविधियां अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा विषय पर यूएनएससी में भारत ने कहा था कि अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थलों पर कई हमले हुए। जिसमें काबुल में 18 जून को सिख गुरुद्वारे पर हुआ हमला भी शामिल है। इसके बाद 27 जुलाई को उसी गुरुद्वारे के पास एक और बम विस्फोट की घटना हुई, जो कि बेहद खतरनाक है। भारत ने कहा कि आतंकवादियों से निपटने में कोई दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए।
भारत ने चीन की नाम लिए बगैर कहा था कि यह खेदजनक है कि दुनिया के कुछ सबसे कुख्यात आतंकवादियों से संबंधित वास्तविक और साक्ष्य-आधारित लिस्टिंग प्रस्तावों को रोक दिया जा रहा है। दोहरे मानकों की वजह से प्रतिबंध शासन की विश्वसनीयता में लगातार गिरावट आ रही है।