नयी दिल्ली/ चीन के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि धरती पर मानव का इतिहास कई लाख वर्ष पुराना है। चीनी वैज्ञानिकों के एक दल ने अपने शोध को सार्वजनिक कर दिया है। दरअसल, चीनी वैज्ञानिकों का यह दावा है कि आज से लगभग सवा लाख वर्ष पूर्व जब पृथ्वी पर हिमयुग का अंतिम चरण चल रहा था उस वक्त मानव जाति का अस्तित्व था। हालांकि वैज्ञानिकों का दावा है कि उस समय तक अधिकतर मानव समाप्त हो गए थे और मात्र 1,280 लोग ही बचे थे। चीनी वैज्ञानिकों के इस दावे ने साबित कर दिया है कि धरती पर मानव जाति का इतिहास लंबा है। इस दावे ने पश्चिमी विद्वानों की परिकल्पना को भी खंडित कर दिया है। पश्चिम के अध्येता यही साबित करने के प्रयास में लगे हुए रहे हैं कि मानव का इतिहास महज 50 हजार वर्ष पुराना है।
चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि एक वक्त ऐसा आया था जब धरती पर सिर्फ 1,280 लोग रह गये थे और मानव जाति लगभग खत्म होने के कगार पर पहुंच गयी थी।
पृथ्वी पर रहने वाले आठ अरब लोग क्या आज सिर्फ इसलिए जिंदा हैं क्योंकि लाखों साल पहले 1,280 लोग इतने मजबूत थे कि वे तमाम विपरीत परिस्थितियों में भी जिंदा रहे? हाल ही में जारी एक नये अध्ययन में बताया गया है कि एक लाख 20 हजार साल तक इंसानियत के समूल नाश का खतरा बना रहा था। जेनेटिक विश्लेषण के आधार पर किये गये अध्ययन में इंसान के पूर्वजों के उस दौर के जीवन की जांच की गयी है जब मानव जाति समूल नाश के कगार पर पहुंच गयी थी।
कुछ वैज्ञानिक इस अध्ययन के नतीजों से सहमत नहीं हैं। इस अध्ययन में शामिल नहीं रहे एक वैज्ञानिक के मुताबिक जेनेटिक्स विशेषज्ञों में इस बात पर लगभग आम सहमति है कि ये दावे यकीन लायक नहीं हैं। हालांकि कई वैज्ञानिक इस बात से सहमत हैं कि आज से करीब एक लाख वर्ष पहले हिमयुग के अंत में मानव जाति पर भारी संकट आया था। उस युग में सभ्यता कैसी थी या उस समय आदमी का स्वरूप कैसा था इस बात पर शोध कत्र्ता फिलहाल मौन हैं। हालांकि वैज्ञानिकों को इस बात से इनकार नहीं है कि एक वक्त पर मानव जाति पूरी तरह समूल नाश के कगार पर पहुंच गयी थी लेकिन ताजा अध्ययन में जिस तरह की सटीकता जाहिर की गयी है, उस पर वैज्ञानिकों को संदेह है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि इतने पुराने समय में पृथ्वी की आबादी में आये बदलावों का अध्ययन करना एक बेहद जटिल काम है और पहले भी ऐसे ही तरीकों से जो अध्ययन किये गये हैं, उनमें ऐसे नतीजे नहीं मिले थे। ताजा अध्ययन कहता है कि लगभग पूरी आबादी खत्म हो गयी थी।
वैज्ञानिकों के पास जांच के लिए दो लाख साल पहले के आदिमानवों के कुछ अवशेष ही हैं, जिनसे डीएनए लेकर उनका अध्ययन किया गया है। हालांकि जीनोम सीक्वेंसिंग तकनीक अब बहुत तरक्की कर चुकी है और वैज्ञानिक अब इंसान में आए जेनेटिक बदलावों का पता लगाकर कंप्यूटर मॉडलिंग के जरिये अति प्राचीन समय के आदिमानवों का भी विश्लेषण कर सकते हैं।
चीनी वैज्ञानिकों का यह अध्ययन रपट अभी हाल ही के साइंस पत्रिका में प्रकाशित हुई है। इसके लिए 3,150 लोगों के डीएनए का अध्ययन किया गया। चीनी शोधकर्ताओं के इस दल ने इन आंकड़ों के अध्ययन के लिए एक कंप्यूटर मॉडलिंग तैयार की। उन्हें चला कि करीब नौ लाख 30 हजार साल पहले एक वक्त ऐसा आया था जब धरती पर सिर्फ 1,280 लोग रह गये थे।
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