रांची/ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने न्याय मामले के एक पुस्तक के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एंश्योरिंग इंटीग्रिटी लेशन्स फ्रॉम जूडिशियरी, लैण्डमार्क जजमेंट्स ऑन एंटीकरप्शन, पब्लिक सर्वेंस मिसकण्डक्ट एण्ड रिलेटेड एस्पेक्ट्स (निष्ठा के प्रति प्रतिबद्धता, न्यायपालिका से सीख, कुछ सीमाचिह्न समान निर्णय) शीर्षक वाली यह पुस्तक अधिवक्ताओं (वकीलों), जाँच अधिकारियों, शिक्षाविदों एवं विद्यार्थियों को आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करेगी।
पटेल बृहस्पतिवार को गांधीनगर में गुजरात सतर्कता आयोग तथा गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के सहयोग से प्रकाशित ‘कॉम्पेंडियम ऑफ लैण्डमार्क जजमेंट्स (सीमाचिह्न समान निर्णयों का सारांश) नामक पुस्तक के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस क्रम में उन्होंने कहा कि लौह पुरुष तथा देश के उप प्रधानमंत्री व प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने सार्वजनिक सेवाओं का महत्व एवं प्रशासनिक सेवा की राष्ट्र निर्माण में उपयोगिता समझ कर स्पेशल पुलिस एस्टाब्लिशमेंट एक्ट 1947 और ब्राइबरी एण्ड करप्शन प्रिवेंशन एक्ट 1947 नामक दो अधिनियमों से देश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध वैधानिक ढाँचा स्थापित करने के नए मार्ग का निर्माण किया था।
उन्होंने कहा कि जीवीसी तथा जीएनएलयू ने सरदार साहब के इन मूल्यों से प्रेरणा लेकर निष्ठा, भ्रष्टाचार निवारण, सार्वजनिक सेवकों के दुर्व्यवहार तथा अन्य विषयों को समाविष्ट करने वाले 110 सीमाचिह्न रूपी विभिन्न न्यायालयीन निर्णयों के संग्रह को पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया है। इस कॉम्पेंडियम में वर्ष 1950 से 2021 तक के लगभग 110 लैण्डमार्क जजमेंट्स का समावेश किया गया है। इसमें उच्चतम् न्यायालय के 77, विभिन्न उच्च न्यायालयों के 26, सत्र न्यायालयों के 2 तथा विश्व के देशों के न्यायालयों के 5 निर्णय शामिल हैं।
सार्वजनिक सेवकों के आचरण, जाँच एजेंसियों की भूमिका व कार्यों, भ्रष्टाचार के मामलों तथा रिश्वत विरोधी क़ानून जैसे क्षेत्रों में विशेष न्यायाधीश के अधिकार एवं कार्यपद्धति जैसे विषय इस निर्णय संग्रह में शामिल किए गए हैं। इस पुस्तक को तैयार करने में राज्य की सतर्कता आयुक्त तथा वरिष्ठ सेवानिवृत्त अधिकारी संगीता सिंह, जीएनएलयू निदेशक डॉ. संजीवी शांताकुमार, सहायक प्राध्यापक तरुण सिंह और गुजरात उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आदित्य गोर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पुस्तक अनावरण समारोह में विधि मंत्री राजेन्द्र त्रिवेदी, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राज कुमार, सामान्य प्रशासन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए. के. राकेश, राज्य पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आशिष भाटिया, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के निदेशक अनुपमसिंह गहलोत, महाधिवक्ता कमलभाई त्रिवेदी, सरकारी अधिवक्ता मनीषाबेन लवकुमार, अभियोग पक्ष निदेशक (डायरेक्टर प्रॉसीक्यूशन) जगरूपसिंह राजपूत आदि भी उपस्थित रहे।