नयी दिल्ली/ पिछले 3 साल में सरकार और सरकार के एजेंट्स ने ढिंढोरा पीटा कि कॉर्पोरेट टैक्स कटौती के कारण सरकार का ओवरऑल रेवेन्यू बढ़ गया। लेकिन एस्टीमेट कमेटी ने कहा कि कार्पोरेट टैक्स कटौती के कारण मात्र 2 साल में 1.84 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। कांग्रेस ने कॉर्पोरेट टैक्स में छूट को लेकर मोदी सरकार पर एक बार ुिर से जुवानी हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता प्रो. गौरव वल्लभ ने मंगलवार को कहा कि दो साल में कॉर्पोरेट टैक्स कटौती से देश को 1.84 लाख करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ। उन्होंने पूछा कि आखिर कंपनियों तक ही क्यों सीमित है सूट-बूट की सरकार? मध्यम और निम्न आय वर्गीय परिवारों को भी टैक्स कटौती की दरकार है।
प्रो. गौरव वल्लभ ने कहा कि एस्टीमेट कमेटी ने आंकड़ा दिया है कि वित्त वर्ष 2020 और वित्त वर्ष 2021 के इन 2 वर्षों में कॉर्पोरेट टैक्स कटौती के कारण ₹1.84 लाख करोड़ का राजस्व नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि 20 सितंबर 2019 को सूट-बूट की सरकार ने कॉर्पोरेट्स टैक्स को 30ः से घटाकर 22ः कर दिया और नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के टैक्स को 18ः से घटाकर 15ः कर दिया। 20 सितंबर 2019 की तारीख इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि पीएम मोदी 22 सितंबर 2019 को श्हाउडी हाउडीश् करने अमेरिका गए थे। कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती का ऐलान तब होता है, जब वित्तमंत्री जीएसटी काउंसिल की बैठक में कहती हैं कि राज्यों को जीएसटी कम्पनसेशन देने का पैसा नहीं है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले 3 सालों में सरकार और सरकार के एजेंट्स ने ढिंढोरा पीटा कि कॉर्पोरेट टैक्स कटौती के कारण सरकार का ओवरऑल रेवेन्यू बढ़ गया। लेकिन एस्टीमेट कमेटी ने कहा कि कार्पोरेट टैक्स कटौती के कारण मात्र 2 साल में 1.84 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी का आंकड़ा है कि वित्त वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में इन कम्पनियों का मुनाफा 138ः बढ़ा और 2022 में 21 की तुलना में 66.2ः बढ़ा। लेकिन इसी दौरान कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन घट गया।
गौरव वल्लभ ने कहा कि सवाल है कि यह टैक्स की कटौती किसके लिए की गई? सूटबूट सरकार 2.0 में टैक्स कटौती का निर्णय 2019 में किसके कहने से लिया गया? मात्र 2 साल में 1.84 लाख करोड़ का नुकसान क्यों किया गया? कॉर्पोरेट टैक्स 22ः और 15ः और मध्यम आय वर्गीय परिवारों पर इनकम टैक्स की पीक रेट 30ः की दर से टैक्स लिया जाता है, यह भेदभाव क्यों?
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि दो तथ्य महत्वपूर्ण हैं- कॉर्पोरेट टैक्स से 4,57,719 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ, जबकि निम्न आय और मध्यम आय वर्गीय परिवार से टैक्स कलेक्शन 4,87,144 करोड़ रुपये हुआ, मतलब हम कॉर्पोरेट्स से अधिक टैक्स दे रहे हैं। वित्त वर्ष 2022 में कॉर्पोरेट टैक्स कटौती के कारण 1 लाख करोड़ रुपये के नुकसान होने का अनुमान है। सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये का उपयोग 20ः परिवारों को सालाना 20,000 रुपये देने में करना महत्वपूर्ण क्यों नहीं समझा। उन्होंने पूछा कि यह सरकार निम्न आय वर्गीय और मध्यम आय वर्गीय परिवारों से क्यों घृणा करती है? प्रधानमंत्री ने अमेरिका में श्हाउडी मोदीश् के नारे लगवाने से 2 दिन पहले ये कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती क्यों की?