‘‘दी केरल स्टोरी’’ पर बढ़ा विवाद, साम्यवादी सीएम पिनराई ने तोड़ी चुप्पी

‘‘दी केरल स्टोरी’’ पर बढ़ा विवाद, साम्यवादी सीएम पिनराई ने तोड़ी चुप्पी

तिरुवनंतपुरम/ ‘‘दी केरल स्टोरी’’ पर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस फिल्म को संघ परिवार यानी राष्ट्रीय स्वंसेवक संघ का प्रचार एजेंडा बताया। मुख्यमंत्री विजयन ने अपनी बात सोशल मीडिया के फेसबुक मंच पर रखी है। उन्होंने अपने ताजा पोस्ट में कहा है कि यह फिल्म धार्मिक ध्रुवीकरण और राजनीतिक फायदे के लिए बनाया गया है।

बता दें कि यह फिल्म फिलहाल बहुत चर्चा में है। इसका ट्रेलर हाल ही में रिलीज हुआ है। फिल्म के ट्रेलर को रिलिज होने के साथ ही दो करोड़ से ज्यादा लोगों ने देख लिया। इस फिल्म के निर्देशक और पटकथा लेखक सुदीप्तो सेन हैं। फिल्म में केरल के 32 हजार लड़कियों की कथा बतायी गयी है, जिसे इस्लाम धर्म में दीक्षित कर आईएसआईएस का आतंकवादी बनाया गया।

फिल्म पर अपनी प्रतिक्रिया में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने फिल्म के निर्माताओं की आलोचना करते हुए कहा कि यह ‘लव जिहाद’ के चश्मे से राज्य को धार्मिक चरमपंथ के केंद्र के रूप में चित्रित करने के लिए संघ परिवार की एक प्रचार फिल्म है। फिल्म 5 मई, 2023 को रिलीज होने वाली है।

पिनराई विजयन ने आगे कहा कि पहली नजर में हिंदी फिल्म का ट्रेलर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और केरल के खिलाफ नफरत फैलाने के कथित उद्देश्य से जानबूझकर बनाया गया प्रतीत होता है।

उन्होंने कहा, ‘ट्रेलर से संकेत मिलता है कि यह फिल्म धर्मनिरपेक्षता की भूमि केरल को धार्मिक अतिवाद का केंद्र बनाकर, संघ परिवार के प्रचार अभियान को ध्यान में रख कर बनायी गयी है। केरल में चुनावी राजनीति में लाभ कमाने के लिए संघ परिवार के विभिन्न प्रयासों में से यह एक प्रयास है। यह मुस्लिम समाज हिन्दुओं से विलग करने वाली फिल्म है।’’

विवादों के बीच फिल्म के कलाकारों और निर्माता ने इसका बचाव कया है और कहा है कि सभी को पहले फिल्म देखनी चाहिए और फिर इसके बारे में राय बनानी चाहिए।

फिल्म की अभिनेत्री अदा शर्मा ने एक समाचार एजेंसी को दिए गए अपने साक्षात्कार में कहा, ‘‘ये एक डरावनी कहानी है, लोगों का इसे प्रोपेगैंडा कहना या लड़कियों के लापता होने से पहले उनकी संख्या पर बात करना और भी डरावना है। इसके उलट होना ये चाहिए कि लोग पहले लड़कियों के लापता होने के बारे में बात करते और फिर उनकी संख्या के बारे में सोचते।’’ अदा शर्मा ने यह भी दावा किया है कि वो ऐसी लड़कियों से मिली हैं, जो आज भी परेशान हैं।

फिल्म के निर्देशक सुदिप्तो सेन का दावा है कि उन्होंने सात साल तक इस फिल्म की कहानी पर काम किया और इस दौरान पीड़ित लड़कियों से मुलाकातें की और उनके साक्षात्कार किए हैं। निर्देशक का दावा है कि उन्होंने वास्तविक संख्या जानने के लिए अदालत में सूचना के अधिकार के तहत आवेदन दिया है लेकिन अभी तक सूचना नहीं मिल पायी है।

इस फिल्म के निर्माता विपुल शाह ने दावा किया है कि यह फिल्म कई साल के शोध और मेहनत का परिणाम है। शाह ने कहा है कि ये फिल्म ऐसी सच्ची कहानी को बयान करती है जिसे इससे पहले किसी ने कहने की हिम्मत नहीं जुटाई। विपुल शाह ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि कट्टरपंथ किस तरह हमारे राष्ट्र की महिलाओं के लिए खतरा है। ये फिल्म इससे पर्दा उठाती है और ये भारत के खलिाफ रचे जा रहे भयानक षडयंत्र के बारे में जागरूकता भी पैदा करती है।

इस फिल्म में दावा किया गया है कि दक्षिण भारत, खासकर केरल की 32 हजार महिलाओं का धर्मांतरण किया गया, उन्हें चरमपंथी बनाया गया और भारत तथा दुनिया के दूसरे देशों में आतंकी मिशन पर भेज दिया गया। इस फिल्म का ट्रेलर 26 अप्रैल को रिलिज किया गया। यह फिल्म 5 मई को रिलिज होगी।

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