साइबर युद्ध की तैयारी मातृभूमि की सुरक्षा के लिए जरूरी : इन्द्रेश

साइबर युद्ध की तैयारी मातृभूमि की सुरक्षा के लिए जरूरी : इन्द्रेश


नई दिल्ली/ राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के तत्वावधान में आगामी 5 व 6 अगस्त को साइबर सुरक्षा पर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। यह सेमिनार नई दिल्ली स्थित डाॅ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित किया जाएगा। उक्त विषय की जानकारी देते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के प्रधान संरक्षक डाॅ. इन्द्रेश कुमार ने दी।

हरियाणा भवन में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान डाॅ. कुमार ने कहा कि साइबर सुरक्षा का क्षेत्र व्यापक है। यह क्षेत्र लगभग पूर्ण विषम प्रकृति के साथ युद्ध के पांचवें क्षेत्र के रूप में उभरा है। जहां एक ओर इसने हमारे जीवन को आसान बना दिया है और वैश्विक दुनिया से हमें जोड़ है, वहीं दूसरी ओर इस कृत्रिम बुद्धिमत्ता ने हमारे सामने कई सुरक्षात्मक चुनौतियां भी खड़ी कर दी है। उन्होंने कहा कि विधुत की गति से दुनिया भर में सूचनाओं को प्रसारित करने वाली इस तकनीक के कारण राजकीय और गैर-राजकीय अपराधिक गतिविधियों में कई गुणा वृद्धि हुई है। यह वैश्विक कल्याण और शांति में बाधक बनने लगा हे।

कुमार ने कहा कि साइबर क्षेत्र की पूर्ण विषम प्रकृति, गैरजिम्मेदारी, भौगोलिक सीमाओं की गैर बाध्यता और आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भरता की कमी, इस को एक बहुत ही शक्तिशाली और घातक हथियार प्रदान करती है, जो दोधारी तलवार की तरह है। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के 75वे वर्ष का जश्न मनाते हुए हम एक प्रतिरोधक क्षमता पूर्ण, मजबूत और कुशल राष्ट्रीय साइबर इकोसिस्टम स्थापित करने का संकल्प ले। साइबर इकोसिस्टम का आधार होने के कारण सूचना को इसके उपयोग, अधिकार और उपलब्धता के संदर्भ में समझने की आवश्यकता है। जहां डेटा संप्रभुता और डेटा अधिकार वैश्विक सूचना प्रभुत्व के लिए अंतर्निहित विचार की प्रक्रिया है।

उन्होंने कहा कि हमने गत वर्षो में कई साइबर हमले देखे हैं। इस प्रकार के हमले लगातार हो रहे हैं। दुनिया में सबसे बड़ी युवा शक्ति और बुद्धिमान सूचना तकनीक बल होने के बावजूद हम विश्व शक्ति नहीं बन पाए हैं। ग्राउंड जीरो शिखर सम्मेलन इस दिशा में हमारा संकल्प है कि हम अपने देशवासियों के बीच इसके बारे में सहयोग और ज्ञान साझा करने के लिए जागरूकता पैदा करें, ताकि एक रिंग ऑफ फायर बनाया जा सके, जो हमारी मातृभूमि को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी बाहरी खतरे को नष्ट करने में सक्षम हो।

हम शून्य के जनक हैं, इस क्षेत्र के विकास में हमारे पूर्वजों के योगदान को समझने की जरूरत है। ग्राउंड जीरो शिखर सम्मेलन की अवधारणा आई.टी. मानव संसाधनों को एक साथ एकीकृत करके और वैश्विक शक्ति बनने के संकल्प के साथ हर साल एक सम्मेलन करने के लिए की गई है। राष्ट्र की सुरक्षा, जो कि हमारा सर्वोपरि लक्ष्य है, वह कल्याणकारी-राज्य निवारक प्रणालियों और विश्वसनीय शासन की तिपाई पर आधारित है। साइबर क्षेत्र के लक्ष्य सुनिश्चित करने में रचनात्मक रूप से सम्मिलित होने के सभी गुण है, इसके साथ ही प्रक्रियाओं को बाधित करने और नाकाम करने की जबरदस्त क्षमता है। साइबर क्षेत्र के हथियार निरंकुश तरीके से उपलब्ध हैं और अज्ञात रूप से इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

इसीलिए यह विभिन्न राष्ट्रों और उनके क्षेत्रीय, वैश्विक गठबंधनो के लिए एक बड़ी चुनौती है।डाॅ. कुमार ने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में हमें साइबर अटैक से निपटने के लिए जागरूक, सतर्क और क्रियाशील रहना चाहिए। इस दिशा में हम 5 – 6 अगस्त 2022 को साइबर सुरक्षा प्रोफेशनल, निर्णयकर्ता, रक्षा विशेषज्ञ, कॉरपोरेट्स और नवोदित युवा नेटीज की एक श्रृंखला के साथ, डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में ष्साइबर महोत्सवष् का जश्न मनाने और एक साथ आने का संकल्प लेने के लिए एकत्रित होंगे-एक प्रतिरोधक क्षमता पूर्ण और उदीयमान डिजिटल भारत बनाने के लिए।

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