पटना/ रांची/ बिहार के अधिकतर हिस्सों में कोहरे के कारण सामान्य जनजीवन अस्तव्यत हो गया है। न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है और विगत कई दिनों से धूप में गर्मी नहीं के बराबर हो रही है। वहीं झारखंड की राजधानी रांची में मौसम थोड़ा सुहाना है। ठंड तो है लेकिन समय समय पर चटक घूप भी हो रही है। विगत 24 घंटों में रांची और आसपास के क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहा लेकिन सुबह के कोहरे के बाद सामान्य रूप से आकाश साफ हो गया। आगे भी ऐसी ही संभावना व्यक्त की गयी है।
झारखंड में सबसे अधिक तापमान चाईबासा में दर्ज किया गया। जबकि न्यनतम तपमान खूंटी का रहा। यहां 6 डिग्री सें. के आसपास तापमान रहा। बिहार की राजधानी पटना और आसपास, विगत कई दिनों से कोहरे के प्रभाव में है। यह फिलहाल दूर होने की संभावना भी नहीं है।
मैसम विभाग की ओर से बताया गया है कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर और उससे सटे भूमध्यरेखीय क्षेत्र पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र अब भी बना हुआ है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तरी पाकिस्तान और आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है। पिछले 24 घंटों के दौरान देश भर में हुई मौसमी हलचल के तौर पर बताया गया है कि पिछले 24 घंटों के दौरान, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड सहित उत्तर भारतीय पहाड़ियों के कुछ हिस्सों में बारिश हुई। पंजाब के तलहटी इलाकों में भी छिटपुट बारिश देखी गयी।
इसके अलावा, श्रीनगर, पहलगाम, गुलमर्ग आदि सहित जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में बर्फबारी हुई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, पंजाब के अलग-अलग इलाकों में बहुत घना कोहरा छाया हुआ है। बिहार में शीतलहर चल रही है। इसके कारण सरकार ने एतियातन शैक्षिणिक संस्थाओं को बंद करने के आदेश जारी किए हैं। वैसे तो यह बंद 31 दिसंबर तक है लेकिन मौसम में सकारात्मक परिवर्तन की संभावना नहीं होने की वजह से इसे बढ़ाया भी जा सकता है। वैसे देश के कई हिस्सों में कोल्ड डे की स्थिति में कमी आई है और कई हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहा लेकिन खतरा अभी टला नहीं है।
अगले 24 घंटों में पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के कुछ हिस्सों में कोहरा छाया रह सकता है। उत्तर भारतीय मैदानी इलाकों के कुछ हिस्सों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने से तापमान में गिरावट आ सकती है।
मौसम विभाग माने तो लगभग पूरे देश में मौसम शुष्क रहेगा। उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में तापमान स्थिर रहने की संभावना है। न्यूनतम तामपान में गिरावट भी आएगी तो मामूली लेकिन कोहरे के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
बेगूसराय खोदाबंदपुर कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से जारी सलाह में बताया गया है कि कृषक बंधु गाजर, मटर, टमाटर, धनियां, लहसुन एवं अन्य रबी की फसलों को झुलसा रोग से बनाने की कोशिश जरूर करें। दअरसल, मौसम में बदलाव और नमी की वजह से इस प्रकार के रोग फसलों को बरबाद कर देते हैं। इसके कारण पूरा पौधा झुलस जाता है। इस रोग के लक्षण दिखते 2.5 ग्राम डाई-इथेन, एम. 45 फफूुदनाशक दवा का प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर सामान्य रूप से फसल पर दो या तीन बार छिड़काव 10 दिनों के अंतराल पर करें।
इस मामले में विज्ञान केन्द्र के निदेशक एवं प्रधान वैज्ञानिक डाॅ. रामपाल ने बताया कि चूकि ठंड बढ़ गयी है इसलिए किसान भाई खुद का तो बचाव करें ही साथ में अपने फसल और माल-मवेशियों की सुरक्षा का भी बंदोवस्त करें। इसके लिए विशेष एतियात बरतने की जरूरत है।