DRDO, Research : भारत ने किया कोरोना की दवा विकसित करने का दावा

DRDO, Research : भारत ने किया कोरोना की दवा विकसित करने का दावा

नई दिल्ली/ ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने शनिवार को ड्रग 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज दवा से कोरोना के इलाज को इमरजेंसी अप्रूवल दे दिया है। कोरोना से जारी लड़ाई के खिलाफ यह एक राहत भरी खबर है। कोरोना संक्रमित मरीज के लिए यह एक वैकल्पिक इलाज होगा। ऐसा दावा किया गया है कि जिन मरीजों पर इस दवा का इस्तेमाल किया गया, उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है।

ये दवा कोरोना मरीजों में संक्रमण की ग्रोथ रोक कर उन्हें तेजी से रिकवर करने में मदद करती है। दवा को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन की लैब इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन ने डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरी की मदद से तैयार किया गया है। शुरुआती ट्रायल में पता चला है कि इससे मरीज के ऑक्सीजन लेवल में भी सुधार होता है।

दिसंबर 2020 से मार्च 2021 तक 220 कोरोना मरीजों पर तीसरे फेज का ट्रायल किया गया। ये ट्रायल दिल्ली, यूपी, पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु के 27 अस्पतालों में किया गया। ट्रायल के दौरान तीसरे दिन मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता 42 से घटकर 31 प्रतिशत हो गई। खास बात यह है कि 65 साल से ज्यादा उम्र के मरीजों पर भी दवा का पॉजिटिव असर देखने को मिला है।

दवा पाउडर के रूप में मिलती है। इसे पानी में घोलकर मरीज को पिलाना होता है। ये दवा सीधे उन कोशिकाओं तक पहुंचती है जहां संक्रमण होता है और वायरस को बढ़ने से रोक देती है। लैब टेस्टिंग में पता चला कि ये कोरोना वायरस के खिलाफ काफी प्रभावी है। डीआरडीओ ने बयान जारी कर कहा है कि इसका उत्पादन भारी मात्रा में आसानी से किया जा सकता है।

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