रायपुर/ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने भारत में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पूंजी के द्वारा संसाधनों की लूट और पर्यावरण पर हमले को लेकर स्थानीय लोगों को संघर्ष करने का आह्वान किया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने अपने केन्द्रीय समिति सदस्य एवं अंतरराष्ट्रीय मामले के प्रवक्त अमृत के अवाले से एक प्रेस बयान जारी कर कहा है कि पूंजीपरस्थों के द्वारा जो पर्यावरण को क्षति पहुंचाई जा रही है वह विकास नहीं विनास है। इससे अंततोगत्वा आम आदमी को ही घाटा होने वाला है।
अमृत ने अपने बयान में कहा है कि इस घाटो की भड़पाई किसी कीमत पर नहीं की जा सकती है। इससे आम आदिवासी समाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। उन्होंने अपने बयान में बताया है कि किस तरह ब्राजिल से लेकर फिलिपिंत तक इस क्रूर पूंजीपरस्थों के खिलाफ आम जनता संघर्ष कर रही है।
अमृत ने इस महाविनाश से बचने के लिए सभी आम जनता को एक जुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया है।
उन्होंने कहा है कि साम्राज्यवादियों की लालसा पृथ्वी के हर कोने में प्रवेश कर रही है। विश्व पूंजीवादी प्रणाल की तेजस्वी संकट उन्हें एक मृत्युस्थल की ओर धकेल रहा है। इस स्थिति को निराकरण करने के लिए, वे प्राकृतिक संसाधनों का अधिकतम शोषण कर रहे हैं। ब्राजील के एमेजॉन वन की जलन, मध्य और पूर्वी भारत के वनों में खनन इस वातावरण और समाज में बढ़ती संकट के जीवंत उदाहरण हैं।
अमृत का सीधा इशारा छत्तीसगढ़ में हो रहे विभिन्न प्रकार के खनन को प्रभावित करना है। उन्होंने आम जन से अपील की है कि वे जंगल की कटाई और विकास के नाम पर हो रहे खनन को रोकने के लिए संघर्ष करें।