सुभाष शिरढोनकर
अभिनय के प्रति विद्या बालन का शुरू से जो समर्पण रहा है, उसके कारण आज वह बॉलीवुड की महान एक्ट्रेस की फेहरिस्त में आती हैं। एक्टिंग का उन्हें बचपन से ही शौक था। लेकिन उन्हें शबाना आजमी स्मिता पाटिल जैसी दिग्गज अभिनेत्रियों की बराबरी तक आने के लिए काफी सब्र और संघर्ष और करना पड़ा।
1 जनवरी, 1979 को मुंबई में पैदा हुई विद्या बालन का बचपन मुंबई के पूर्वी उप नगर चैम्बूर में बीता। 16 साल की उम्र में उन्हें एकता कपूर के सीरियल ’हम पांच’ में काम करने का अवसर मिला। 2005 में जब उन्हें पहली बार ’परिणीता’ के जरिये सिल्वर स्क्रीन पर आने का अवसर मिला, उन्होंने कमाल ही कर दिया। फिल्म में उनके काम की खूब तारीफ हुई और इस तरह उनके कैरियर की गाड़ी चल निकली। ’परिणीता’ (2005) के बाद तो उन्होंने ’लगे रहो मुन्नाभाई’ (2006) ’गुरू’ (2007) ’है बेबी’ (2007) ’पा’ (2009) ’इश्किया’ (2010) ’द डर्टी पिक्चर’ (2011) ’कहानी’ (2012) ’तुम्हारी सुलु’ (2017) ’मिशन मंगल’ (2019) ’शकुंतला देवी’ (2020) और ’शेरनी’ (2021) जैसी एक्टिंग ओरियंटेड फिल्मों की झड़ी सी लगा दी। ’द डर्टी पिक्चर’ (2011) में विद्या बालन ने साउथ सिनेमा की सैक्सी सायरन सिल्क स्मिता का रोल, काफी कामुक तरीके से निभाया। इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवार्ड मिला। विद्या बालन की फिल्म ’शकुंतला देवी’ (2020) का प्रीमियर अमेजन प्राइम वीडियो पर हुआ था। इसके बाद ’शेरनी’ (2021) ने भी ओ.टी.टी. का रूख किया। इसमें उन्होंने शेरनी गिल नाम की एक फोरेस्ट ऑफीसर का किरदार निभाया है।
विद्या बालन ने रॉनी स्क्रूवाला की शान व्यास द्वारा निर्देशित शॉर्ट फिल्म ’नटखट’ में एक आम गृहिणी का किरदार निभाया। बेस्ट ऑफ इंडिया शॉर्ट फिल्म फैस्टिबल में ’नटखट’ विजेता बनी। और इसे ऑस्कर 2021 के लिए नामांकित भी किया गया। विद्या बालन ने अपनी हर एक फिल्म में अलग अलग तरह के रोल प्ले करते हुए, बॉलीवुड की स्टीरियोटाइप एक्ट्रेस वाली सोच को चुनौती दी है। उन्होंने अपनी दमदार एक्टिंग को माध्यम बनाते हुए, हर फिल्म के कैरेक्टर में घुसकर लोगों को चैंकाया है।
प्रस्तुत हैं, विद्या बालन के साथ की गई बातचीत के संपादित अंश : –
आपने साउथ की कुछ फिल्मों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। बॉलीवुड की तरह वहां भी आपका काफी नाम है। फिर अचानक से आपने वहां काम करना बंद क्यों कर दिया?
आखिरी बार मैंने तमिल फिल्म ’कल्याणी भरथ’ में गेस्ट रोल किया था। वहां मुझे कुछ खास ऑफर नहीं मिल रहे थे। लेकिन अब बहुत जल्दी मैं चिंरजीवी के साथ एक फिल्म करने जा रही हूं।
’शेरनी’ (2021) के रोल में आपको ऐसी कौन सी खास बात नजर आई, जिसकी वजह से आप इसे करने के लिए तैयार हुई?
मैं हमेशा ऐसा काम करना चाहती हूं जो मेरे लिए कुछ मायने रखता हो, और जिसे करने से मेरे विश्वास का एक विस्तार हो। काम जो मुझे एक्साइट करे और मुझे संतुष्टि दे। इसलिए हमेशा ही आगे बढ़कर, बिलकुल दूसरी तरह के विकल्पों का चुनाव किया। सिर्फ ’शेरनी’ ही नहीं, बल्कि मेरे द्वारा अब तक की गई, सारी फिल्मंे इसी कसौटी पर खरी उतरी हैं।
आपने, अपनी हर एक फिल्म में, अलग तरह के रोल प्ले करके बॉलीवुड की स्टीरियोटाइप सोच को तोड़ने की कोशिश की है?
नहीं, मैंने कभी ऐसी कोशिश नहीं की। लेकिन अपनी लाइफ के एक्सपीरियंस से, जो कुछ महसूस किया, बस उसे अपनी एक्टिंग में शामिल करने का प्रयास करती रही हूं। अगर कोई मुझे कहता है कि एक्ट्रेस के तौर पर मैं बोल्ड और बेशर्म हूं तो मैं जैसी भी हूं, खुद को बदल नहीं सकती। लेकिन मैं अपना रास्ता जरूर चुन सकती हूं, और मैंने वहीं किया।
पिछले एक दशक से हिंदी सिनेमा में जो बदलाव नजर आया है। उसका श्रेय अक्सर आपको दिया जाता है?
मुझे लगता है कि, मैं सही वक्त पर, सही जगह पर थी, बस, इससे ज्यादा और कुछ भी सच नहीं है। मैं इस बदलाव की शुरूआत का श्रेय बिलकुल भी नहीं ले सकती।
अब तक के फिल्मी सफर को किस रूप में देखती हैं ?
मेरा यह सफर, काफी रोमांचक रहा है और उम्मीद करती हूं कि अभी, आगे यह और भी बेहतर होगा। मैं ’तुम्हारी सुलु’ के मेकर्स के साथ एक स्लाइस ऑफ लाइफ ड्रामा फिल्म करने वाली हूं। इसके अलावा मेरे पास और भी काफी अच्छे प्रोजेक्ट्स हैं।
(अदिति)