DRDO वैज्ञानिक से 40 लाख रुपये की ठगी, हैकर गिरोह का भंडाफोड़

DRDO वैज्ञानिक से 40 लाख रुपये की ठगी, हैकर गिरोह का भंडाफोड़

नयी दिल्ली/ रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक वैज्ञानिक से 40 लाख रुपये की ठगी के मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने बैंक खातों को हैक करने वाले एक कड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस बात की आधिकारिक जानकारी शुक्रवार को पुलिस के एक अधिकारी ने दी।

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) सुरेन्द्र चौधरी ने बताया कि आरोपी ग्राहक सेवा प्रतिनिधि बनकर लोगों से संपर्क करते थे और उन्हें समस्याओं के समाधान की आड़ में एंड्रॉइड पैकेज किट (एपीके) फाइल बताकर एक मैलवेयर को ‘इंस्टॉल’ करने के लिए राजी करते थे। इसके बाद फाइल पीड़ित व्यक्ति के डिवाइस तक रिमोट एक्सेस प्रदान करती थी, जिससे धोखेबाज बैंकिंग जानकारी, पैन (स्थायी खाता संख्या) कार्ड विवरण और सीवीवी (कार्ड वेरिफिकेश वैल्यू) कोड सहित संवेदनशील वित्तीय विवरण चुरा सकते थे। इस पद्धति का उपयोग करके, धोखेबाज ने लोगों के बैंक खातों से लाखों रुपये उड़ा लिये।

यह जांच डीआरडीओ से सेवानिवृत्त एक वैज्ञानिक की शिकायत के बाद शुरू की गई थी। उन्होंने पुलिस को बताया था कि धोखेबाजों ने उनकी बचत और सावधि जमा से 40 लाख रुपये निकाल लिए हैं।

डीसीपी चौधरी ने कहा, ‘‘पीड़ित ने ऑनलाइन कस्टमर सपोर्ट नंबर सर्च किया था और एक फर्जी कॉन्टैक्ट पर कॉल की थी। इसके बाद उन्हें सोशल मीडिया के जरिए एक मैलवेयर भेजा गया, जिसे उन्होंने इंस्टॉल कर लिया, जिससे अनजाने में उनके बैंक खाते तक पहुंच हो गई। सात दिनों में, आरोपी ने व्यवस्थित तरीके से उनके खाते से धनराशि स्थानांतरित कर ली। उनकी शिकायत के बाद, एक प्राथमिकी दर्ज की गई और साइबर पुलिस अधिकारियों की एक टीम ने गहन जांच शुरू की।’’

पुलिस ने घोखेबाजों का झारखंड के देवघर और राजस्थान के मेवात में पता लगाया। तकनीकी निगरानी से धोखेबाजों के संचालन के बारे में महत्वपूर्ण विवरण सामने आए। उन्होंने कहा कि जियो-लोकेशन ट्रैकिंग और खुफिया सूचनाओं के आधार पर, पुलिस ने छापेमारी की और चार लोगों को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान इकबाल अंसारी, साजिद खान, सलमान खान और नरेंद्र कुमार के रूप में हुई है।

डीसीपी ने बताया कि पुलिस ने पांच स्मार्टफोन बरामद किए हैं, जिनमें संदिग्ध डेटा है, जिसमें पीड़ितों के वित्तीय विवरण वाली एक्सेल शीट भी शामिल है। उन्होंने बताया कि जांच से पता चला है कि गिरोह ने इसी तरह की रणनीति का इस्तेमाल करके पूरे भारत में लोगों को निशाना बनाया।

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