पटना/ बिहार में सोमवार से कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के स्कूल खोल दिये गए हैं। करीब साढ़े चार महीने बाद सरकार के आदेश पर करीब एक लाख प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में पठन-पाठन शुरू हो गया है। हालांकि अभिभावकों में कोरोना का काफी डर देखा गया जिसकी वजह से उपस्थिति कम रही। खासतौर से निजी विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति न के बराबर रही।
पटना के कई विद्यालयों में शिक्षकों ने कोविड गाइडलाइन का पालन बच्चों को करवाया। कुछ ऐसे भी स्कूल दिखे, जहां न तो थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था थी और न ही सैनिटाइजर की। राजकीय मध्य विद्यालय बाढ़-फतुहा और शेखपुरा में बिना मास्क के ही बच्चे नजर आए तो स्कूल प्रबंधन ने मास्क बांटा।
बच्चों ने बातचीत में बताया कि श्अभी तक ऑनलाइन पढ़ाई की है। ऑनलाइन से अधिक मजा क्लास रूम की पढ़ाई में आता हैश्। बच्चे ज्यादा खुश दिखे कि बहुत दिनों बाद दोस्तों से उनकी मुलाकात हुई।
निजी विद्यालयों में जहां कोरोना गाइडलाइन का पालन करते शिक्षक और छात्र नजर आए, वहीं सरकारी विद्यालयों में इसकी कमी देखी गई। हालांकि शिक्षक सभी गाइडलाइन का पालन करते हुए। लोयला स्कूल में दिखा कि स्कूल कैंपस में कोरोना गाइडलाइन से जुड़ी सूचना भी बच्चों के लिए दर्शायी गई है। नॉट्रेडम स्थित जूली स्कूल में सभी बच्चे मास्क लगाकर आते नजर आए।
बच्चों के अभिभावकों ने बातचीत में बताया कि बच्चों ने इस बीच ऑनलाइन पढ़ाई की। अब काफी हिफाजत के साथ उन्हें स्कूल भेज रहे हैं। अभिभावकों ने बताया- श्ऑनलाइन पढ़ाई से बेहतर क्लास रूम पढ़ाई है। इसलिए क्लास रूम पढ़ाई अभी शुरू हुई है तो यह बहुत खुशी की बात हैश्।
पटना और इसके आसपास के क्षेत्रों के विद्यालयों में सोशल डिस्टेंसिंग में रहकर पढ़ाई करना और लंच शेयर नहीं करने सहित पाठ पढ़ाये गए। इसके अलावा किसी भी बाहरी वस्तु को टच करने के बाद हाथ की सफाई करना,बार बार मुंह पर हाथ नहीं ले जाना है, हाथ की सफाई पर ध्यान देना है,कोरोना का खतरा है इसलिए बाहरी सामान खाने से बचना है,बस में स्कूल से आते जाते समय बस में खिड़की दरवाजा नहीं टच करना और हाथ मुंह से लेकर साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना है।
उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के बाद स्कूल-कॉलेजों को तीन चरण में खोलने का फैसला लिया है। बिहार में सभी विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, तकनीकी संस्थान और 11वीं व 12वीं क्लास को गत 12 जुलाई को खोला गया था। इसके बाद 9वीं और 10वीं की क्लास सात अगस्त से खोला गया। जबकि एक से 8वीं तक के विद्यालयों को अंतिम चरण में 16 अगस्त से 50 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति के साथ खोलने का निर्णय लिया गया।