मंदिरों का सरकारीकरण करने वाली सरकार सनातन संस्कृति को विनष्ट करना चाहती है : गायत्री एन.

मंदिरों का सरकारीकरण करने वाली सरकार सनातन संस्कृति को विनष्ट करना चाहती है : गायत्री एन.

नयी दिल्ली/ स्वयं को ईसाई माननेवाले तमिलनाडु के खेलमंत्री उदयनिधि स्टैलिन को सनातन धर्म नष्ट करना है, परंतु द्रविड विचारधारा पर चलने वाली तमिलनाडु की द्रविड़ मुनेत्र कषगम की सरकार वहां जातीयवाद नहीं मिटा पाई। इसके विपरीत तमिलनाडु में वाद-विवाद और अधिक बढ गया। आज वहां के हिन्दू हताश हो गए हैं। तमिलनाडु में अतिक्रमण के नाम पर हिन्दुओं के पुरातने मंदिरों को तोडे जा रहा है। वहीं चर्च और मस्जिद को सरकार के द्वारा संरक्षित किया जा रहा है। यह द्रमुक सरकार की कौन-सी धर्मनिर्पेक्ष और संविधानसम्मत नीति है। सरकार के नेताओं को हिन्दुओं में भेदभाव दिखाई देता है, परंतु चर्च में भेदभाव क्यों नहीं दिखाता है। उक्त बातें भारत वाॅइस की संस्थापिका गायत्री एन. ने कही है।

बीते दिन गायत्री ने एक बयान जारी कर तमिलनाडु की सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मंदिरों का सरकारीकरण हुआ है और मजे की बात यह है कि मंदिर चलानेवाली सरकार के मंत्री सनातन धर्म नष्ट करने की प्रतीक्षा में हैं। उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ऐसी सरकार हिन्दुओं के मंदिर चलाएगी अथवा उन्हें नष्ट करेगी? इस मामले में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने बताया कि गायत्री बीते दिन समिति द्वारा आयोजित एक संवाद में बोल रही थी। शिंदे ने बताया कि हिन्दू जनजागृति समिति के दिल्ली प्रवक्ता नरेंद्र सुर्वे ने उनसे संवाद किया था।

इस अवसर पर ’‘पी गुरुज् होस्ट’, मेगा टीवी के भूतपूर्व वृत्तनिवेदक जे.के. ने कहा,’ द्रमुक पक्ष की द्रविड संस्कृति की विचारधारा सनातनविरोधी है। इसलिए उन्होेंने पहले ब्राह्मणों का विरोध किया, तदुपरांत हिन्दुओं के देवी-देवताओं की मूर्तियां तोडीं और देवताओं का अनादर किया। द्रमुक के नेताओं को लगता है कि यह सब करने से उन्हें सत्ता मिली है। ‘सनातन धर्म नष्ट होना चाहिए’, ऐसा कहना भी इस विरोध का ही एक हिस्सा है। हिन्दुओं को आज संगठित होकर इसका विरोध करना चाहिए। द्रमुक के समर्थक भारत के स्वतंत्रतादिन को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाते हैं। उन्हें अब भी तमिलनाडु पर ब्रिटिशों का राज्य चाहिए। विरोधी पक्षों ने राष्ट्रीय स्तर पर ‘प्छक्प्।.’ नामक गठबंधन बनाया है। इस गठबंधन के नेताओं पर दबाव लाकर अधिकाधिक लोकसभा की सीटें अपने पक्ष में करना और गठबंधन का प्रधानमंत्री पद के लिए दावा करना, इसकारण ऐसे वक्तव्य किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत संगठक शंभू गवारे ने कहा कि सनातन धर्म के विषय में द्वेषमूलक विधान करने के उपरांत भी तमिलनाडु में उदयनिधि स्टैलिन के विरोध में एक भी अपराध नहीं प्रविष्ट किया जाता। इसके विपरीत उदयनिधि के आक्षेपजनक विधान का विरोध करनेवाले एवं आंदोलन करनेवाले हिन्दुओं पर तथा हिन्दू संगठनों पर अपराध प्रविष्ट कर उन्हें बंदी बनाया जा रहा है। यह प्रकार अत्यंत वेदनादायी है। हमारी मांग है की इन आंदोलन को गंभीरता से लेकर उदयनिधि स्टैलिन एवं अन्य दोषियों पर कार्यवाई करनी चाहिए।

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