नई दिल्ली/ जापानी सांसदों के एक समूह ने क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा के लिए बृहस्पतिवार को ताइवान के राष्ट्रपति से मुलाकात की। जापानी शिष्टमंडल में दो पूर्व रक्षा मंत्री शामिल थे। पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरु इशिबा के नेतृव वाले शिष्टमंडल ने कहा कि जापान रक्षा के मुद्दों पर ताइवान के साथ एक सहमति बनाना चाहता है और क्षेत्र में किसी संभावित संघर्ष के लिए तैयारी करना चाहता है।
तइवानी राष्ट्रपति कार्यालय के हवाले से बताया गया है कि इशिबा ने कहा, “हमें इस पर विचार करने की जरूरत है कि कौन सी स्थिति पैदा हो सकती है, हमें किन कानूनों और समझौतों की जरूरत होगी और हम किन हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं।” उन्होंने कहा, “आगे कुछ भी हो सकता है और हमें मिलकर इसके लिए सहमति बनाने की जरूत है।”
इशिबा ने कहा कि हिंद-प्रशांत में संघर्ष को रोकने के लिए जापान अमेरिका के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि रक्षा सहयोगियों के पास तैयारी के सिवा और कोई चारा नहीं है। चीन के आक्रामक रवैये और उसकी सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा ताइवान पर अधिकार जताने के कारण क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है।
जापान के सांसदों का ताइवान के राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने स्वागत किया। शिष्टमंडल के सदस्य ताइवान की कार्यकारी शाखा ‘एग्जेक्युटिव युआन’ के अध्यक्ष और रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे। साई ने कहा, “ताइवान की सुरक्षा केवल इसकी संप्रभुता की रक्षा करने तक सीमित नहीं है। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि रणनीतिक सुरक्षा के मुद्दे पर ताइवान प्रथम द्वीप श्रृंखला की रक्षा में बेहद अहम है।”
उन्होंने कहा, “हम जापान और अन्य लोकतांत्रिक साझेदारों के साथ अपना सहयोग बढ़ाना जारी रखेंगे ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थायित्व कायम रह सके।”