गांधीनगर/ आम आदमी पार्टी के प्रमुख एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की टेकनिक से गुजरात भाजपा भी दबाव महसूस कर रही है। इसका उदाहरण सामवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने दी। गुजरात के मुख्यमंत्री पटेल ने गुजरात सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में केंद्र सरकार की तर्ज पर तीन फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है।
महंगाई भत्ते में यह बढ़ोतरी 01 जनवरी, 2022 से प्रभावी मानी जाएगी। यह भी निर्धारित किया गया है कि इस बढ़ोतरी का लाभ केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा, जिन्हें सातवें वेतन आयोग का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री के इस निर्णय के अनुसार महंगाई भत्ते के इस इजाफे का लाभ राज्य सरकार के पंचायत सेवा के कर्मचारियों तथा राज्य सरकार के अन्य कर्मचारियों और पेंशनभोगियों सहित लगभग 9.38 लाख लोगों को मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने 1 जनवरी, 2022 के प्रभाव से देय बढ़े हुए महंगाई भत्ते की सात महीनों की एरियर राशि का भुगतान तीन किस्तों में करने का निर्णय किया है।
इसके अनुसार, जनवरी से मार्च के एरियर की पहली किस्त का भुगतान अगस्त-2022 के वेतन के साथ, अप्रैल से जून के एरियर की दूसरी किस्त सितंबर-2022 के वेतन के साथ और तीसरी किस्त का भुगतान अक्टूबर-2022 के वेतन के साथ किया जाएगा। महंगाई भत्ते में इस इजाफे के परिणामस्वरूप राज्य सरकार पर वार्षिक लगभग 1400 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ बढ़ेगा।
बता दें कि विगत दिनों आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल ने गुजातर में एक बड़ी रैली का आयोजन कर कहा था कि गुजरात के कर्मचारियों को अच्छी सुविधा प्रदान की जाएगी और आम जन के लिए बिजली 300 यूनिट तक निःशुल्क दिया जाएगा। इसके बाद गुजरात भाजपा के नेताओं ने रेवड़ी बांटने की बात कह केजरीवाल की इस घोषणा की खिल्ली उड़ाई थी लेकिन बाद में भाजपा को अपनी गलती का अहसास होने लगा है। केजरीवाल की घोषणा से गुजरात के लोग प्रभावित होते दिख रहे हैं। जमीनी सच्चाई जान गुजरात की सत्तारूढ़ भाजपा भी लोकहितकारी योजनाओं पर ध्यान देने को विवस होने लगी है।