सुभाष शिरढोनकर
यश चोपड़ा की मल्टी स्टॉरर फिल्म ’परंपरा’ (1992) के साथ अपना कैरियर शुरू करने वाले सैफ अली खान ने पिछले साल प्रदर्शित ’तानाजी’ (2020) में विलेन उदयभान का शानदार किरदार निभाकर हर किसी को हक्का-बक्का कर दिया था। फिल्म में अजय देवगन जैसे महारथी की मौजूदगी के बावजूद सैफ अली खान के काम की खूब प्रशंसा हुई थी।
’तानाजी’ (2020) से पहले विशाल भारद्वाज द्वारा निर्देशित ’ओमकारा’ में लंगड़ा त्यागी के किरदार के लिए सैफ अली खान के काम को इसी तरह खूब सराहा गया था। सैफ अली खान को बेशक खान एक्टर वाली तिकड़ी की तरह रूतबा हासिल नहीं है लेकिन इसमें दो राय नहीं कि वैरायटी वाले किरदार ही हमेशा उनकी वरीयता पर रहे। वेब सीरीज ’सेक्रेड गेम्स’ में उन्होंने एक बिलकुल अलग तरह के किरदार में अपने अभिनय को जिस नवीनता के साथ प्रस्तुत किया, उसके कारण उन्हें जबर्दस्त प्रशंसा हासिल हुई।
प्रस्तुत हैं सैफ अली खान के साथ की गई बातचीत के मुख्य अंश : –
आपके अब तक के कैरियर से एक बात साफ है कि आपको नेगेटिव और शहरी केरेक्टर्स में ज्यादा तारीफंे मिलती रही हैं?
जी बिलकुल! मैंने भी इसे महसूस किया है। इसलिए मैं अपनी ओर से खुद इस तरह के किरदार ज्यादा करता हूं।
फिल्मों में हीरो वाले किरदारों पर अब आपकी उम्र का दबाव साफ तौर पर महसूस किया जाने लगा है?
ऐसा कोई दबाव मुझे महसूस नहीं होता लेकिन मुझे लगने लगा है कि अब मुझे हीरो के किरदार नहीं करने चाहिए। ’तानाजी’ इस ओर मेरा पहला कदम कहा जा सकता है। अब मेरी कोशिश यही होगी कि मैं दूसरी तरह के प्रभावशाली लेकिन उम्र के हिसाब से ही रोल निभाऊं।
’बंटी और बबली 2’ में आप रानी मुखर्जी के अपोजिट वह किरदार निभा रहे हैं, जो मूल फिल्म में अभिषेक बच्चन ने निभाया था?
नहीं, वह किरदार सिद्धांत चतुर्वेदी निभा रहे हैं। इसमें मेरा तो सिर्फ एक कैमियो है।
आपकी मम्मी शर्मिला जी का कहना है कि आपके बेटे इब्राहित हू ब हू आपके डैडी मंसूर अली खान की तरह नजर आते हैं। इस तरह की खबरें आ रही हैं कि आप अपने पिता पर बायोपिक के लिए इब्राहिम के नाम पर विचार कर रहे है?
मैं चाहता अवश्य हूं कि मेरे पिता पर बायोपिक बने लेकिन कब और कैसे, यह अभी तय नहीं है। इब्राहिम डैडी की तरह लंबा और क्रिकेट का जानकार है। जब कभी हम डैडी पर बायोपिक शुरू करेंगे तो निश्चित ही इब्राहिम के नाम पर भी विचार करेंगे।
’तानाजी’ की तरह अली अब्बास जफर की वेब सीरीज ’तांडव’ में आपके नेगेटिव किरदार को लोगों ने खूब पसंद किया। क्या आगे भी इस तरह के नेगेटिव शैड वाले किरदार करते रहेंगे?
स्क्रीन पर मुझे सीधे-सादे लड़के के बजाए डार्क शैड वाले किरदार निभाना ज्यादा अच्छा लगता है। याद कीजिए अब्बास मस्तान द्वारा निर्देशित मेरी फिल्म ’रेस’। उसमें ऑडियंस को मेरा काम खूब पसंद आया था। मैं नहीं जानता था कि उसके बाद मैं इस तरह के किरदार और निभाऊंगा या नहीं। लेकिन ऑफर आते गए और मैं करता गया। आगे भी यदि ऑफर आते रहे तो निश्चित ही करता रहूंगा।
डार्क और नेगेटिव कैरेक्टर निभाते निभाते आदिपुरूष में पूरी तरह खलनायक वाला रावण का किरदार, इसे क्या माना जाए?
ओम राउत के साथ मैं ’तानाजी’ कर चुका हूं। उनके टेलेंट और कास्टिंग पर शक करने की तो कहीं गुंजाइश ही नहीं है। इसलिए जब वो मेरे पास यह किरदार लेकर आए तो मैं खुशी से उछल पड़ा था। वह ऑफर स्वीकार करने के बाद तीन दिनों तक, बेबो ने मुझसे बोलना छोड़ दिया था। लेकिन चूंकि वह भी एक एक्टर है, इसलिए जानती है कि एक सच्चा एक्टर वही है जो हर तरह का काम और किरदार कर सके।
(अदिति)