नयी दिल्ली/ पूर्वी एशिया के एक मुस्लिम देश में मस्जिद बनाने के लिए 130 साल पुराने मंदिर की बली चढ़ाई जा रही है। इस देश का नाम मलेशिया है। मलेशिया की सरकार का दावा है कि मंदिर सरकारी जमीन पर बनी हुई थी, जिसे 2014 में एक बड़ी कपड़ा कंपनी को बेच दिया गया था। इस जमीन पर बनने वाली मस्जिद की आधारशिला इस देश के प्रधानमंत्री रखेंगे। एक स्वतंत्र अभिकरण के दाबे में बताया गया है कि इन दिनों मलेशिया में बड़ी तेजी से इस्लामिक कट्टरता बढ़ रही है।
मलेशिया की राजधानी में मस्जिद के लिए हिंदू मंदिर को हटाने के सुझाव पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इससे मलेशिया में धार्मिक समानता और शहरी पुनर्विकास के दावे की पोल खुल गई है। मलेशिया में गैर मुस्लिम बड़े पैमाने पर धार्मिक भेदभाव की शिकायतें करते रहे हैं। हालांकि, वहां की हर सरकार ने ऐसे दावों को खारिज किया है। जिस मंदिर को हटाया जाना है, वह राजधानी कुआलालंपुर के मध्य में फ्लैटों और कपड़ा दुकानों के बीच एक छोटी लेकिन कीमती जगह पर स्थित है। इसका नाम देवी श्री पथराकालीअम्मन मंदिर है। अब इस मंदिर का भविष्य अनिश्चित है।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, देवी श्री पथराकालीअम्मन मंदिर की जगह को मलेशिया की कपड़ा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी जैकेल को बेच दिया गया है, जो इस जगह पर मस्जिद बनाने की योजना बना रही है। यह मंदिर मस्जिद इंडिया के पड़ोस में स्थित है, जिसका नाम 140 साल पुरानी तमिल मुस्लिम मस्जिद के नाम पर रखा गया है। हिंदू मंदिर का दावा है कि इसकी नींव मुस्लिम मस्जिद के निर्माण के सिर्फ 10 साल बाद रखी गई थी। ऐसे में यह मंदिर भी कम से म 130 साल पुरानी है।
कुआलालंपुर में स्थित यह मंदिर और मस्जिद दोनों मूल रूप से सरकारी भूमि पर स्थित था, जिसे 2014 में जैकेल को बेच दिया गया था। कंपनी के दिवंगत संस्थापक मोहम्मद जैकेल अहमद ने इस भूखंड को इस इरादे से खरीदा था कि इस क्षेत्र में चौथी मस्जिद बनाई जाए और इसे मुस्लिम समुदाय को उपहार में दिया जाए। लेकिन हाल के हफ्तों तक इस मुद्दे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। कथित तौर पर नई मस्जिद का शिलान्यास इस गुरुवार को प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम द्वारा किया जाएगा।