बेगूसराय/ इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ना सिर्फ भारत और पड़ोसी देश नेपाल की इंधन की जरूरतों को पूरा कर रहा है, बल्कि संपूर्ण ऊर्जा समाधान के साथ सतत विकास के पथ पर अग्रसर है। कोरोना का कहर जारी रहने के बावजूद इंडियन ऑयल को चालू वित्तीय वर्ष के पहली तिमाही में 5941 करोड़ रुपए का लाभ प्राप्त हुआ है।
बरौनी रिफाइनरी प्रमुख-सह-कार्यपालक निदेशक शुक्ला मिस्त्री ने बताया कि कोरोना के खिलाफ एकजुटता से लड़ाई लड़ते हुए बेहतर टीम वर्क, रिफाइनरी के प्रति लगन और समर्पण के साथ सभी रिफाइनरी का संचालन किया गया। जिसके फलस्वरूप इंडियन ऑयल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के पहले तिमाही के दौरान 5941 करोड़ का लाभ दर्ज किया है। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में पहली तिमाही में यह मात्र 1911 करोड़ था।
मिस्त्री ने बताया कि इस 211 प्रतिशत लाभ में बढ़ोतरी का कारण इवेंट्री लाभ और बेहतर पेट्रोकेमिकल मार्जिन है। इस दौरान कॉर्पोरेशन ने एक्सपोर्ट मिलाकर 20.325 मिलीयन टन उत्पादों की बिक्री की गई। सभी रिफाइनरी का ध्रुूपुट 16.719 मिलियन टन और पाइप लाइन ध्रुपुट 19.875 मिलियन टन रहा।
पहली तिमाही के दौरान जीआरएम 6.58 डॉलर प्रति बैरल था, हालांकि इवेंट्री लाभ की भरपाई के बाद यह 2.24 डॉलर प्रति बैरल था।
उन्होंने बताया की बरौनी रिफाइनरी ने इस पहली तिमाही में पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर तकनीकी प्रदर्शन किया है। क्रूड इनपुट का स्ट्रेच्ड लक्ष्य 1451 टीएमटी के विरुद्ध 1445.8 टीएमटी हासिल किया गया।
प्राप्त डिस्टिलेट स्ट्रेच्ड लक्ष्य 87.28 प्रतिशत के विरुद्ध 86.83 हासिल किया गया। फ्यूल एवं लॉस में स्ट्रेच्ड लक्ष्य 9.71 प्रतिशत के बदले 9.73 प्रतिशत हासिल किया गया। न्यूू एमबीएन के स्ट्रेच्ड लक्ष्य 76.12 के विरुद्ध 76.12 प्राप्त किया गया है तथा ईआईआई स्ट्रेच्ड लक्ष्य 106.93 के बदले 112.48 हासिल किया गया हैै।
उन्होंने बताया कि आरएफसीसीयू और एलपीजी प्रोडक्शन निरंतर बनाए रखने के लिए करीब 50 टीएमटी (19 रैक) को स्ट्रीम शेयर किया गया। जिसमें करीब 7.30 करोड़ का आर्थिक लाभ हासिल किया गया है। उन्होंने बताया कि देश के विकास में इंडियन ऑयल और बरौनी रिफाइनरी निरंतर कार्यरत है, इसमें सभी हितधारकों का महत्वपूर्ण योगदान है।