केन्द्रीय विवि झारखंड में मेस को लेकर विवाद, दो दिनों से खाने को तरस रहें हैं विद्यार्थी

केन्द्रीय विवि झारखंड में मेस को लेकर विवाद, दो दिनों से खाने को तरस रहें हैं विद्यार्थी

रांची/ झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय में विगत दो दिनों ने विद्यार्थियों का भाजनालय बंद है। विद्यार्थी दो दिनों ने भोजन के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। इस मामले को लेकर विवि प्रशासन को बताया गया है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं किया गया है।

एक छात्र ने बताया कि जब प्रशासन को इस बात की जानकारी दी गयी तो साफ तौर पर बताया गया है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन छात्रों के लिए भोजनालय चलाने में असमर्थ है। इसलिए विद्यार्थी अपने भोजन की व्यवस्था खुद करें।

जनकारी में रहे कि पिछले माह 16 अक्टूबर से केन्द्रीय विश्वविद्यालय में नए सिरे से मेस भेंडर की निलामी गयी गयी। उसके बाद से कोई दिल्ली का भेंडर मेस चलाने लगा। मेस चलाने का काम राजेश कुकर्स को दिया गया। उसने विधिवत काम प्रारंभ किया। कंपनी ने दो-तीन दिनों तक ठीक खाना खिलया लेकिन बाद में उसने खाने की गुणपत्ता में कमी प्रारंभ कर दिया। धीरे-धीरे उसने बहुत घटिया खाना परोसने लगा। इसके खिलाफ छात्र गोबंद होने लगे और मेस मालिक पर तय टेंडर के तहत खाना खिलाने का दबाव बनाने लगे। अब मेस ठेकेदार ने यह कहना प्रारंभ किया कि उसे यहां के बारे में पता नहीं था और कम मूल्य पर खाना खिलाने का उसने टेंडर भर दिया था। इसलिए उसे काम में घाटा हो रहा है।

बच्चों की यह भी शिकायत है कि मेस में खाना खाने के कारण सैंकड़ों बच्चे फूडप्वाइजनिंग का शिकार हो चुके हैं। इस बात की भी जानकारी प्रशासन को दी गयी है लेकिन प्रशासन इस मामले में गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपना रही है। विवि के विद्यार्थियों का यह भी आरोप है कि मेस भेंडर बाहरी कर्मचारियों के स्थान पर स्थानीय कर्मचारियों की भर्ती कर ली है। यह इसलिए किया गया है कि बच्चे जब खाने की शिकायत करें तो उन्हें सबक सिखाया जा सके। इस मामले में मेस प्रबंधन आकाश की भूमिका संदिग्ध बतायी जा रही है। एक छात्र ने यह भी बताया कि विगत दिनों जब विवि के बच्चों ने खाने की शिकायत की तो उसके साथ आकाश एवं स्थानीय कर्मचारियों ने मारपीट भी की।

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