संघ लोकसेवा आयोग में लेटरल एंट्री बंद, कांग्रेस ने कहा मजबूर होकर लिया फैसला

संघ लोकसेवा आयोग में लेटरल एंट्री बंद, कांग्रेस ने कहा मजबूर होकर लिया फैसला

नयी दिल्ली/ केंद्र सरकार ने संयुक्त सचिव निदेशक व उपसचिव के 45 पदों पर सीधी भर्ती पर रोक लगा दी है। इस पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोला है।

सेवना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर संघ लोकसेवा आयोग में लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगा दी है। इसकी जानकारी कार्मिक मंत्री ने यूपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखकर दी है। बता दें की केंद्र सरकार ने संयुक्त सचिव निदेशक व उपसचिव के 45 पदों पर सीधी भर्ती का विज्ञापन निकाला था। अब केंद्र सरकार द्वारा लेटरल एंट्री के इस विज्ञापन पर रोक लगाने पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर हमला बोला है।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा, उन्होंने मजबूर होकर यह फैसला लेना पड़ा है। यूपीएसेसी में लेटरल एंट्री को लेकर केंद्र द्वारा रोक लगाने पर कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने आगे कहा, प्रधानमंत्री ने 10 वर्षों तक एकतरफा तरीके से काम किया है। अब, वह वास्तविकता के आमने-सामने आ गए हैं। वह अब एकतरफा तरीके से काम नहीं कर सकते। 45 पदों के लिए विज्ञापन दिया गया था. ये सलाहकार पद नहीं हैं। ये संयुक्त सचिव, निदेशक और सचिवालय के पद हैं जिनके लिए भारत के संविधान के प्रावधान लागू होते हैं। तो, यह आरक्षण के अंत का द्वार खोलना था। यह नागरिक नौकरशाही में अग्निवीर को लाना था. आपने सशस्त्र बलों में अग्निवीर को लाकर देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है।

जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए आगे कहा, अब आप नागरिक नौकरशाही के साथ खेलने की कोशिश कर रहे हैं। यही कारण है कि राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और भारत के अन्य राजनीतिक नेताओं ने कहा कि यह संविधान पर हमला है। यह आईएएस और नागरिक नौकरशाही का निजीकरण है और हमने इसे वापस लेने की मांग की. आज, अचानक, वे मजबूर हो गए हैं। पीएम को इस वास्तविकता का सामना करना पड़ा है कि पूरे देश में इस लेटरल एंट्री योजना पर गुस्सा था।

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