रांची/ नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने झारखंड को जीएसटी घाटे की भरपाई के लिए 1171 करोड़ रूपये से अधिक की राशि आवंटित की है। राज्य सरकार की ओर से इसकी लगातार मांग की जा रही थी। यही नहीं इस मामले को लेकर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टियां केन्द्र सरकार पर निशाना भी साधती रही है।
केन्द्र सरकार ने जीएसटी भरपाई की बाकी बची राशि दूसरी तिमाही के बाद देने का वादा भी कर दिया है। भारत सरकार की ओर से 1171 करोड़ 13 लाख रुपए दिए जाने से झारखंड के खजाने को काफी बल मिला है।
बता दें कि कोविड की दूसरी लहर के बाद कारोबार और काम-धंधों के चैपट हो जाने के बाद राज्य सरकार के आंतरिक कर संग्रहण में कमी आ गयी थी। इस राशि आवंटन से झारखंड को बड़ी राहत मिली है। केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी घाटे की भरपाई में दी गई राशि में जीएसटी घाटे में केंद्र की मदद के साथ ही राज्य सरकार की ओर से मिली स्टेट डेवलपमेंट लोन की राशि भी शामिल है।
जीएसटी घाटे की भरपाई प्रदेश में सियासी मुद्दा बन गया था। जीएसटी कौंसिल की बैठकों में भी प्रदेश के वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने इसे कई बार उठा चुके थे। रामेश्वर उरांव ने केंद्र सरकार को कर्ज लेकर राज्य में इस घाटे को पाटने का आग्रह किया था। इसी आधार पर भारत सरकार ने कदम उठाया है।
स्टेट जीएसटी के दायरे के विस्तार के लिए राज्य सरकार को करों की चोरी करने वालों पर शिकंजा कसना होगा। राज्य का वाणिज्यकर विभाग अभी तक अंकेक्षण की प्रभावी व्यवस्था लागू नहीं कर पाया है। इस कारण राज्य में कर चोरी की घटनाएं बड़े पैमाने पर हो रही हैं।
इधर जीएसटी की भरपाई के बाद झारखंड की सोरेन सरकार और उनकी पार्टी के पास से एक बड़ा सियासी मुद्दी निकल गया है। अब मुख्यमंत्री सोरेन, उनकी पार्टी और उनके सहयोगी दल केन्द्र पर आरोप लगाने से हिचकेंगे।