गैर जिम्मेदार ही नहीं इस्लाम के पाक उसूलों के खिलाफ भी काम करता रहा है पाकिस्तान

गैर जिम्मेदार ही नहीं इस्लाम के पाक उसूलों के खिलाफ भी काम करता रहा है पाकिस्तान

हमारे पड़ोस में एक ऐसा देश बसता है, जिसकी बुनियाद इस्लाम के पाक श्लोक ‘कलमा’ पर पड़ी है लेकिन उसने जितनी इस्लाम की क्षति की है, दुनिया में कोई इस्लाम विरोधी देशों ने भी नहीं की होगी। उस देश का नाम पाकिस्तान है। पाकिस्तान के हुक्मरांन पाकिस्तान को हिन्द की पाक जमीन के रूप में व्याख्यायित करते हैं लेकिन पाकिस्तान क्या सचमुच पाक जमीन है? इसका उत्तर हमें पाकिस्तान के इतिहास में ढुंढना होगा।

जब फिरंगी हिन्दुस्तान को छोड़ कर जा रहे थे तब उन्होंने हिन्दू और मुसलमान को विभाजित करने की चाल चली। पाकिस्तान के सिद्धांतकार अल्लामा इकबाल को कहा जाता है। हालांकि इकबाद पहले हिन्दुस्तान परस्त राष्ट्रवादी नेता थे लेकिन ब्रिटिश रणनीतिकारों ने जब उन्हें यूरोप का भ्रमण कराया तो वे इस्लामपरस्त हो गए। हिन्दुस्तान लौटने के बाद अलग संस्कृति, तहजीब और विभाजित इस्लामिक चिंतन की बात करने लगे। उन्होंने यह कहना प्रारंभ कर दिया कि चूंकि भारत में बहुसंख्यक हिन्दू हैं, इसलिए मुसलमान हिन्दुओं के साथ नहीं रह सकते। इससे हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक स्वरूप को धक्का लगेगा। इसी अलग संस्कृति के आधार पर फिरंगियों ने हिन्दुस्तान और पाकिस्तान का बटवाड़ा कराया। जब पाकिस्तान अस्तित्व में आया तो लंबे समय तक उसे फिरंगी अपनी रणनीति का हिस्सा बनाते रहे। यहां तक कि सेना में ब्रिटिश समर्थकों का बोलबाला रहा। कहने के लिए तो पाकिस्तान में भी मोहम्मद अली जिन्ना ने लोकतंत्र की ही स्थापना की और भारत की तरह ही वहां के संविधान निर्माण की जिम्मेदारी एक हिन्दू दलित को ही सौंपा गया लेकिन जिन्ना की मृत्यु के बाद पाकिस्तान फिरंगियों द्वारा डिजाइन इस्लाम के रास्ते पर चल पड़ा। आज पाकिस्तान दुनिया भर में फिरंगियों द्वारा डिजाइन इस्लामिक आतंकवाद का न केवल पनाहगाह है अपितु दुनिया भर में आतंकवाद का निर्यात भी कर रहा है। यही नहीं यह एक गैर जिम्मेदार मुल्क भी बन गया है।

कुछ ऐसे उदाहरण हैं जिससे यह साबित होता है कि पाकिस्तान को पाक उसूलों से कुछ भी लेना देना नहीं है। जिस प्रकार पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को अब साम्यवाद से कुछ भी लेना देना नहीं है, बस वह केवल फायदा उठाने वाला खाल है उसी प्रकार पाकिस्तान को भी इस्लाम के पास उसूलों से कुछ भी लेना देना नहीं है। पाकिस्तान इस्लामिक देशों को झांसा देने के लिए केवल इस्लामिक खाल ओढ रखा है। पाकिस्तान आतंकवाद परस्त और दुनिया का सबसे गैर-इस्लामी देश बनकर उभरा है। उसका अंदाजा चंद उदाहरणों से लगाया जा सकता है। मसलन, सन 1947 में बंटवारे के बाद भारत से जो मुसलमान पाकिस्तान गए उन्हें पाकिस्तान में आज मुंहाजर कहा जाता है। उन्हें इज्जत की नजर से नहीं देखी जाती और उनके ऊपर लगातार अत्याचार हो रहा है। जनरल जिया उल हक जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख थे तो पाकिस्तान सेना ने उर्दुन मैं लगभग 10 लाख से अधिक फ़लीस्तीनियों की हत्या की। वे सारे के सारे फलस्तीन सुन्नी मुसलमान थे। पाकिस्तानी फौज ने 30 लाख बांग्लादेशियों की हत्या की जिसमें से 90 प्रतिशत मुसलमान थे। पाकिस्तानी सेना के द्वारा अब तक चार लाख से अधिक अफगानी मुसलमान मारे जा चुके हैं। यही नहीं आतंकवाद के नाम पर अफ़गानियों को टारगेट करना पाकिस्तानी रणनीति का आज भी एक हिस्सा बन हुआ है। पाकिस्तान इस्लाम के लिए सबसे खतरनाक देश चीन का सहयोग कर रहा है। चीन अपने देश के अंदर मुसलमान के सारे धार्मिक अधिकार छीन रखे हैं। पाकिस्तान की सेना अब तक 3 लाख से अधिक बलोचों की हत्या कर चुकी है। पाकिस्तान सांप्रदायिक हिंसा (फ़ितना) को बढ़ावा देता है, जिसे इस्लाम में सख्त मना किया गया है। पाकिस्तान में शिया और अहमदिया लोगों को व्यवस्थित तरीके से मारा और सताया जा रहा है। 1947 की तुलना में उनकी संख्या लगभग शून्य हो गई है। वे दोनों इस्लामिक फिरके के विश्वासी भाग कर भारत आ रहे हैं।

यहां बता दें कि यह निर्दाेष और गैर-लड़ाकों पर हिंसा को बढ़ावा देता इस्लामिक कायदे के खिलाफ है लेकिन इससे पाकिस्तानी सेना को कोई फर्क नहीं पड़ता। यह मदरसा जाने वाले छोटे बच्चों को आतंकवादी गतिविधियों में ढ़केला जा रहा है। उन बच्चों को तोप के चारे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इधर पाकिस्तानी सेना के अधिकारी देश को लूट रहे हैं और अपने पैसे को तुर्कीय तथा अन्य गैर इस्लामिक देशों में निवेश कर रहे हैं। अब तो संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ पाकिस्तानी सेना का क्रिफ्टो कैरेंसी को लेकर एक समझौता भी हो गया है। पाकिस्तानी हुकमरानों ने आतंकवादियों, भ्रष्ट सैन्य कर्मियों, धार्मिक उपदेशकों (हाफ़िज़ सईद आदि) की आड़ में आतंकवादियों और हवाला ऑपरेटरों के बीच आपराधिक गठजोड़ का एक अनूठा मॉडल बनाया है, जो लंदन और स्विट्जरलैंड में पाकिस्तान की गाढ़ी कमाई जमा करते हैं।

ऐसे में पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिफ जनरल आसीम मुनीर अगर यह दावा करते हैं कि कलमा की बुनियाद पर पाकिस्तान का निर्माण हुआ है तो इससे बड़ा झूठ कुछ और हो ही नहीं सकता है। यहां यह भी बता दें कि पाकिस्तान ने इस्लाम के सबसे बड़े दुश्मन माने जाने वाले इजरायत का भी समर्थन कर चुका है। भारत सहित कई गैर इस्लामिक देश लोकतंत्र और मानवता के नाते लगातार फिलिस्तीन का समर्थन करता रहा है लेकिन पाकिस्तान की रणनीति हमास को समर्थन करने की है। यह भी इस्लाम के मूल धार्मिक सिद्धांतों के खिलाफ है। हमास एक आतंकवादी संगठन है और उसकी मान्यता संदिग्ध है लेकिन पाकिस्तान हमास का सहयोग करता रहा है। ऐसे में पाकिस्तान को एक असफल और गैर जिम्मेदार मुल्क ही माना जाना चाहिए।

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