एस. तालुकदार
पैर हमारे शरीर के केवल अंग ही नहीं हैं बल्कि वे हमारे व्यक्तित्व और स्वभाव की जानकारी भी देते हैं। हमारे पैर शुभ-अशुभ के सूचक भी माने जाते हैं। पैरों को लेकर अनेकों किंवदतियां और मुहावरे समाज में प्रचलित हैं। यदि किसी परिवार में नई नवेली दुल्हन के आने के पश्चात् घर में धन-धान्य की वृद्धि होने लगती है तो परिवार वाले उस दुल्हन को लक्ष्मी मान लेते हैं और कहते हैं कि उनके घर में लक्ष्मी आई है। यदि नई दुल्हन के आते ही धन जन की हानि होने लगती है तो उसे कुलच्छिनी मान लिया जाता है।
दबे पैर चलने वाले लोगों को बिल्ली की संज्ञा दी जाती है। किसी स्त्राी के गर्भवती होने पर कहा जाता है कि उसके पांव भारी हैं। कुछ ज्योतिषी पैरों के आधार पर भविष्यवाणी भी करते हैं। मानव शास्त्राी पैरों की बनावट के आधार पर बहुत कुछ कहते हैं। अपराध शास्त्रा शाखा के विशेषज्ञ पैरों की छाप के आधार पर अपराधियों को खोज निकालते हैं। व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास में हाथों का जितना महत्त्व है उतना ही महत्त्व पैरों का भी है।
पैरों और पंजों का अध्ययन करने की कला का प्रारंभ एक पत्राकार इमरे सोमाग्यी ने किया था। पैर पढ़ने की कला सीखने के लिए इन्होंने अपनी पत्नी मार्ग्रेट के साथ लगातार 15 वर्षों तक शोध किया तथा सैंकड़ों लोगों का साक्षात्कार लिया। अंततः वे पैर की भाषा पढ़ने में सफल हो गए। इमरे सोमाग्यी के अनुसार टेढ़े-मेढ़े पैरों वाले लोगों का स्वभाव उग्र होता है। ऐसे लोग अपने ऊपर किसी का दबाव या अंकुश पसन्द नहीं करते। कुछ लोग सही माप के जूते नहीं पहनते। सही माप के जूते नहीं पहनना भी आदमी की इच्छा का सूचक है। ऐसे लोग फैशनेबल होते हैं और फैशन के आगे आराम को महत्त्व नहीं देते। ऐसे लोग दूसरे की नकल करने वाले होते हैं।
जिन लोगों के पैर स्वच्छ नहीं होते, जो लोग गंदे मोजे और बिना पालिश किए जूते पहनते हैं, ऐसे लोग आलसी होते हैं। पैर घिसटाकर या धब-धब आवाज करते हुए चलने वाले लोग प्रदर्शन पर विश्वास रखते हैं और वे चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग उनकी ओर आकर्षित हों और ज्यादा महत्त्व दें।
जिन लोगों के पैरों में गड्डे या गोखरू होते हैं वे लोग दृढ़ निश्चयी नहीं होते तथा बाहरी ताकत के दबाव में आकर अपनी ताकत व्यर्थ गंवाते हैं। बिलकुल सीधे पैर वाले लोगों में अपनी बात कहने की ताकत होती है तथा वे किसी के दबाव में नहीं आते। जिन लोगों के पैरों की उंगलियां और पंजे का अगला हिस्सा गोलाकार होता है, वैसे लोग राजनयिक दृष्टिकोण वाले होते हैं। जिनका पैर कोणीय होता है वैसे लोग सीधी बात कहने वाले होते हैं।
जिन व्यक्तियों के अंगूठे के बगल वाली अंगुली अंगूठे से ज्यादा लंबी होती है, वैसे लोग ज्यादा कामी होते हैं। यदि पैर के अंगूठे के नाखून पर आड़ी धारियां पड़ी हांे तो इससे मालूम होता है कि इस व्यक्ति की भावनाओं पर आघात पहुंचा है। यदि ये धारियां नाखून के बजाए अन्य जगह पर हों तो ऐसा व्यक्ति भावनात्मक तौर पर स्थिर होता है। धारियों की संख्या बहुत अधिक होने पर उस व्यक्ति की प्रतिक्रिया भावनात्मक स्तर पर बहुत तीखी होती है।
जिस व्यक्ति के पैर में तिल होता है वैसे लोग भ्रमणशील होते हैं। वे हमेशा पर्यटन के लिए जाते रहते हैं। सुन्दर, चिकने और स्वस्थ पैरों वाले लोग सौंदर्य और कलाप्रिय होते हैं। ऐसे लोग कवि, लेखक चित्राकार भी हो सकते हैं। ये लोग दार्शनिक प्रवृत्ति के भी हो सकते हैं। जिन व्यक्तियों के पैरों के बीच में गड़ढे होते हैं तथा उनके पैर का पंजा चारों तरफ से जमीन को छूता है, ऐसे व्यक्ति धनवान होते हैं तथा धन का अपव्यय नहीं करते। जिस व्यक्ति के पैर दोनों तरफ जमीन से नहीं लगते, वे अपव्ययी होते हैं। उन्हें हमेशा धनाभाव का सामना करना पड़ता है। जिस प्रकार हाथ के चिन्हों का महत्त्व होता है, उसी प्रकार पैर के पंजे में होने वाले चिन्हों का भी महत्त्व होता है। पैर के चिन्हों द्वारा भी व्यक्ति के बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है।
(उर्वशी)