सुभाष शिरढोनकर
रितेश देशमुख, ने ’तुझे मेरी कसम’ (2003) से डेब्यू किया। उसके बाद ’आउट ऑफ कंट्रोल’ (2003) ’मस्ती’ (2005) ’अपना सपना मनी मनी’ (2006) और ’धमाल’ (2007) जैसी फिल्मों में वो कॉमेडी करते हुए नजर आए।
जिन दिनों रितेश देशमुख ने एक्टिंग को अपने कैरियर के तौर पर चुना, उनके पिता विलासराव देशमुख महाराष्ट्र के मुख्य मंत्राी हुआ करते थे, इसलिए अक्सर रितेश को नेपोटिज्म के तानों का सामना करना पड़ता। जिसके मन में आता, वही उन पर आरोप मढ़ देता कि उनके पिता मुख्य मंत्राी होने के कारण, उन्हैं फिल्मों में काम मिल रहा है लेकिन इन सारी बातों की परवाह किए बगैर रितेश निरंतर अपने कॉमेडी सेंस को सुधारते हुए आगे बढते रहे और बहुत जल्दी उन्होंने एक के बाद एक कई कॉमेडी जोनर की फिल्में कीं और अपनी काबिलियत साबित कर दी।
’हे बेबी’ (2007) ’हाउसफुल’ (2010) ’डबल धमाल’ (2011) ’हमशक्ल’ (2014) ’हाउसफुल 3’(2016) ’टोटल घमाल’ (2019) और ’हाउसफुल 4’ (2019) में उनकां कामिक अंदाज जबर्दस्त रहा। इसके बाद वो कॉमेडी फिल्मों की जरूरत बन गये।
’एक विलेन’ (2014) में रितेश देशमुख ने एक साइको विलेन का जो किरदार निभाया, उसकी खूब प्रशंसा हुई। इस फिल्म ने रितेश देशमुख के लिए नये तरह के किरदारों के लिए राह बनाई। ’मरजावां’ (2019) में उन्होंने एक नाटे कद के विलेन की भूमिका निभाई। इसके लिए भी उन्हैं खूब सराहना मिली।
दो भाइयों की कहानी पर बेस्ड ’बागी 3’ (2020) में उन्होंने टाइगर के पुलिस इंसपेक्टर भाई का जो किरदार निभाया, वह उनकी कॉमिक इमेज के एकदम विपरीत था और उन्होंने साबित कर दिया कि वे जितनी अच्छी कॉमेडी करते हैं उतने ही अच्छे से इमोशनल और एक्शन रोल भी कर वसकते हैं।
एक राजनैतिक घराने से ताल्लुक होने के बावजूद रीतेश देशमुख का राजनीति में कभी रूझाान नहीं रहा। वे तो बस एक बार एक्टिंग में आकर पूरी ईमानदारी के साथ बस एक्टिंग ही करते रहे और आज यहां उन्हें एक खास मुकाम हासिल हो चुका है।
रितेश देशमुख ने एक्टिंग के साथ, बतौर प्रोडयूसर अपनी पारी की शुरूआत करते हुए ’लय भारी’ और ’माऊली’ का निर्माण किया जो बॉक्स ऑफिस के लिए जबर्दस्त हिट साबित हुई। अब रितेश देशमुख ’शिवाजी महाराज’ पर फिल्म बनाने जा रहे हैं।
निर्देशक नागराज मंजुले, ’शिवाजी महाराज’ पर बन रही फिल्म में अहम भूमिका निभाते नजर आएंगे। इस फिल्म का बजट 150 करोड़ होगा। इसके अलावा रितेश अपने पिता पर भी बायोपिक बनाना चाहते हैं लेकिन फिल्म शुरू करने से पहले फिल्म की सॉलिड स्क्रिप्ट तैयार कर लेना चाहते हैं।
(युवराज)