By Prof. Akhtarul Wasey The Messenger of Allah PBUH was once sitting in the Prophet’s Mosque, when the great poet of the Arabic language, Ka’b
Tag: Ghazwa-e-Hind
‘गजवा-ए-हिंद’ के नाम पर कुछ समाज व राष्ट्र विरोधी चरमपंथी युवाओं को कर रहे गुमराह
कलीमुल्ला खान इन दिनों एक खास वर्ग के कुछ युवाओं में ‘गजवा-ए-हिंद’ की नकारात्मक व्याख्या प्रस्तुत कर उन्हें अपने मातृभूमि से विमुख करने की कोशिश