नयी दिल्ली/ कांग्रेस महासचिव जयरराम रमेश ने एक बार फिर सरकार और अडानी समूह के संबंधों पर बयान जारी किया है। उन्होंने हालिया जुवानी हमले में कहा कि अदाणी समूह के मामले की जांच में देरी हुई है इसलिए इस पर संयुक संसदीय समिति का गठन होना चाहिए।
कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि मॉरीशस स्थित ‘शेल’ कंपनियों का उपयोग अदाणी समूह द्वारा कथित तौर पर धनशोधन तथा कर चोरी के लिए किए जाने संबंधी आरोपों की जांच में देरी हुई है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मॉरीशस दौरे की पृष्ठभूमि में लगाया। अदाणी समूह ने पहले कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों को आधारहीन बताकर खारिज किया था।
रमेश ने सोशल मीडिया के ‘एक्स’ मंच पर पोस्ट जारी किया। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री इस समय मॉरीशस की यात्रा पर हैं। मॉरीशस एक महत्वपूर्ण वित्तीय केंद्र और भारत का लंबे समय से सहयोगी रहा है। हालांकि, इस संबंध पर उस समय दाग लग गया जब यह विश्वसनीय आरोप सामने आए कि मॉरीशस में स्थित ‘शेल’ कंपनियों का उपयोग अदाणी और उनके सहयोगियों द्वारा बड़े पैमाने पर धनशोधन, ‘राउंड-ट्रिपिंग’ और कर चोरी के लिए किया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जारी सेबी की जांच, जिसे मात्र दो महीने में पूरा होना था, वह दो साल तक चली। इस देरी की आंशिक वजह यह भी है कि जांच एजेंसी विदेशी न्यायालयों से आवश्यक जानकारी प्राप्त करने में विफल रही है, जो अदाणी महा-घोटाले से जुड़े हुए हैं।’’
रमेश ने अदाणी समूह से जुड़े मामलों का विवरण दिया और कहा कि ‘‘प्रधानमंत्री और उनके करीबी सहयोगियों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था तथा इसके प्रमुख संस्थानों पर पूर्ण नियंत्रण’’ से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार कांड अभी तक क्यों अनसुलझा है।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे यह भी पता चलता है कि महाराष्ट्र और अन्य स्थानों पर चुनाव में गड़बड़ी कैसे और क्यों हुई। इसका एकमात्र समाधान संयुक्त संसदीय समिति द्वारा गहन जांच है।’’