रांची/ 26 मई को आयोजित काला दिवस को राज्य के कई श्रमिक संगठनों ने समर्थन दिया है। सीपीआई एम के द्वारा जारी एक बयान में बताया गया है कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के साथ ट्रेड यूनियन ने एकजुटता में 26 मई 2021 को काला दिवस मनाएंगे।
जारी बयान में बताया गया है कि सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने झारखंड मे भी स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए कार्यस्थलों और घरों पर विरोध कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की है।
किसान संगठनों के संयुक्त मंच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ 26 मई 2021 को ‘‘काला दिवस’’ के रूप में मनाने का फैसला किया है।
बता दें कि 26 मई केंद्र में भाजपा शासन के 7वें वर्ष के पूरा होने का प्रतीक है। यह तारीख प्रतिगामी कृषि कानूनों और बिजली संशोधन विधेयक के खिलाफ दिल्ली सीमा पर किसानों के चल रहे विरोध प्रदर्शन के छह महीने पूरे होने के साथ भी मेल खाती है।
एसकेएम ने घरों, वाहनों और अन्य स्थानों पर यथासंभव व्यापक रूप से काले झंडे फहराकर और पूरे देश में मोदी सरकार के पुतले जलाकर गांवध्मोहल्ला स्तर पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करके “काला दिवस” मनाने का आह्वान किया है।
ट्रेड यूनियनों ने एसकेएम के आह्वान का स्वागत किया है और सक्रिय एकजुटता प्रदर्शित करने का निर्णय लिया है।
तदनुसार ट्रेड यूनियनों और केंद्रीय फेडरेशनों और सम्बद्ध यूनियनों से अनुरोध है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में किसानों और खेत मजदूर संगठनों के साथ समन्वय करने का प्रयास करें और इन मांगों – कृषि कानून निरस्त करो, बिजली संशोधन विधेयक वापस लें, लेबर कोडस् रद्द करो, निजीकरण बंद करो, नकद हस्तांतरण और मुफ्त अनाज, की तख्तियांध्बैनर आदि के साथ काले झंडे फहराएं करें। इन माँगों पर जोरदार नारेबाजी होनी चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने में मोदी सरकार की पूरी तरह से लापरवाही, अमानवीय, असंवेदनशील और कॉरपोरेट समर्थक वैक्सीन नीति का पर्दाफाश किया जाना चाहिए।