रांची/पथानामथिट्टा/इडुक्की/ तमिलनाडु में आये विक्षोभ का असर झारखंड में भी दिखने को मिल रहा है। इस कारण राज्य में शनिवार सुबह से लगातार बारिश हो रही है। विक्षोभ के कारण झारखंड के कुछ स्थानों पर हल्के तो कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई है। सबसे अधिक बारिश सिमडेगा जिले के कुर्देग में हुई है। मौसम विभाग की सूचना में बताया गया है कि 151.2 मिमी बारिश दर्ज की गयी है। पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक तापमान गोड्डा में 28.7 डिग्री सें. दर्ज किया गया है, जबकि सबसे कम तापमान चाईबासा में 16.6 डिग्री सें. दर्ज किया गया है। पिछले 24 घंटे में रांची का अधिकतम तापमान 20.8 एवं न्यूनतम 18.1 डिग्री सें. दर्ज किया गया है।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान में बताया गया है कि 15 नवम्बर से मौसम में सुधार की पूरी संभावना है लेकिन आकाश में बादल छाए रहेंगे और प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश भी हो सकती है। रांची और आसपास के क्षेत्रों में बारिश की कम संभावना है लेकिन ठंड बढ़ेगी और मौसम में शुष्कता भी बढ़ सकती है।
बेमौसम बारिश के कारण कई फसलों को नुक्शान हो रहा है। धान की फसल खड़ी है, उसको बारिश से बहुत नुकसान नहीं होगा। केवल कटाई में देरी हो जायेगी। जिन किसानों ने धान काटकर खेतों या खलिहानों ने छोड़ दिया, उसको नुकसान हो सकता है। धान खराब हो सकता है। चावल की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा।
झारखंड में इस बार खरीफ के समय धान की अच्छी खेती हुई है। धान कटनी का समय आ गया है। कहीं-कहीं धान कटाई भी शुरू हो गयी है। धान काटकर खेतों में ही रखा हुआ है। कहीं धान काटकर खलिहान तक पहुंचाया गया है। कुछ खेतों में धान पक कर तैयार हो गया है।
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक (अनुसंधान) डॉ अब्दुल वदूद ने बताया कि खरीफ के लिए यह नुकसान है। जो धान की फसल खड़ी है, उसको बहुत नुकसान नहीं होगा। केवल कटाई में देरी हो जायेगी। जिन किसानों ने धान काटकर खेतों या खलिहानों ने छोड़ दिया, उसको नुकसान हो सकता है।
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक (अनुसंधान) डॉ अब्दुल वदूद ने बताया कि खड़ी फसल काटने में देरी से किसानों को रबी की खेती शुरू करने में देरी हो सकती है। जिन किसानों का खेत खाली हो गयी है। वह रबी की खेती शुरू कर सकते हैं। रबी की खेती के लिए यह बारिश अमृत के समान है। इस बारिश से खेतों में नमी आ गयी है। इससे फसल लगाने के बाद इससे पौधा निकलने में दिक्कत नहीं होगी। किसानों को एक सिंचाई से राहत मिल जायेगी। साग-सब्जी के लिए यह बारिश नुकसानदायक है।
इधर तमिलनाडु के अलावे केरल के विभिन्न हिस्सों में शनिवार रात से ही बारिश जारी है। भारी बारिश के कारण राज्य के कई बांधों में जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया जबकि रविवार सुबह तक कई सड़कें जलमग्न हो गईं।
मौसम विभाग ने कहा कि भारी बारिश की यह स्थिति अगले दो दिनों तक विशेष रूप से राज्य के दक्षिणी हिस्सों में बनी रहने की उम्मीद है।
इडुक्की जिला प्रशासन ने बताया कि तमिलनाडु सरकार के मुताबिक रविवार सुबह मुल्लापेरियार बांध में जलस्तर 140 फुट तक पहुंच गया।
नतीजतन, पेरियार नदी के दोनों किनारों पर रहने वाले लोगों को अधिक सतर्क रहने के लिए कहा गया है, क्योंकि अगले 24 घंटे में जलस्तर बढ़ने पर बांध के द्वार खोले जा सकते हैं।
पथानामथिट्टा में भारी बारिश होने के बाद जिला प्रशासन ने लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी है, विशेष रूप से नदी के किनारे या भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।
समाचार चैनलों पर पथानामथिट्टा और कोल्लम जिलों के विभिन्न हिस्सों में जलमग्न सड़कों के दृश्य दिखाए जा रहे हैं। इन दोनों जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
कोट्टायम जिले में भी सुबह तेज बारिश हुई, लेकिन वहां से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। केरल के कुछ हिस्सों में शनिवार को लगातार बारिश के कारण मामूली भूस्खलन हुआ और ट्रेन सेवाएं बाधित रहीं, जिसके कारण अधिकारियों को पहाड़ी इलाकों, नदी के किनारों और पर्यटन केंद्रों में अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को तिरुवनंतपुरम में अत्यधिक भारी बारिश होने की आशंका जताई थी। जबकि श्ऑरेंज अलर्टश् के साथ कोल्लम, पथानामथिट्टा, अलाप्पुझा, कोट्टायम और इडुक्की जिलों में बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई थी।
आईएमडी के एक बयान में कहा गया है कि 16 नवंबर तक केरल में एक या दो स्थानों पर गरज के साथ बिजली चमकने की भी संभावना है।
रेड अलर्ट 24 घंटों में 20 सेमी से अधिक भारी से अत्यधिक भारी बारिश का संकेत देता है, जबकि ऑरेंज अलर्टश् 6 सेमी से 20 सेमी तक बहुत भारी बारिश को दर्शाता है। येलो अलर्ट का मतलब 6 से 11 सेंटीमीटर के बीच भारी बारिश है।