रांची/ झारखंड के वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश किया। बजट का आकार 91270 करोड़ आकार का है, जो पिछले बजट की तुलना में 4900 करोड़ अधिक है। हेमंत सरकार के द्वारा पेश बजट की भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने आलोचना की है, जबकि साम्यवादी दलों ने बजट की सराहना करते हुए कहा है कि यह बजट आम आदमी के हितों वाला बजट है। बता दें कि पिछला बजट 86370 करोड़ रूपये का था। वित्त मंत्री उरांव ने बजट भाषण में दावा किया है कि बजट कृषि, रोजगार और गांव के विकास पर आधारित है। बजट सत्र के चैथे दिन भी सदन की कार्यवाही भाजपा विधायकों के हंगामें के बीच शुरू हुई। कार्यवाही शुरू होने करीब पंद्रह मिनट बाद भाजपा विधायकों के हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के ले स्थगित करनी पड़ी। भाजपा के तमाम विधायक भगवा टी शर्ट पहन कर सदन पहुंचे थे। टी शर्ट पर तरह-तरह की मांगें अंकित थी। भाजपा विधायक नियोजन नीति रद करने का विरोध कर रहे थे।
भाजपा विधायक सदन में केरोसिन विस्फोट, बालू खनन, महंगाई आदि मुद्दे को लेकर विरोध कर रहे थे। विरोध जता रहे भाजपा विधायकों के पास मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी पहुंचे थे। सीएम के पहुंचते ही भाजपा विधायकों ने जय श्रीराम के नारे लगा दिए। भाजपा विधायकों के साथ कांग्रेसी विधायक इरफान अंसारी ने भी जय श्रीराम के नारे लगाए। बारह बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने बजट भाषण शुरू किया। बजट भाषण शुरू करते ही भाजपा सदस्यों ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया है। वित्त मंत्री हंगामे के बीच बजट पेश किया। वित्तमंत्री ने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 18,653 करोड़ रुपये आवंटित किया है। वित्तमंत्री ने कहा कि कोरोना की वजह से कृषि क्षेत्र को संवारना जरूरी है। बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से बेरोजगार होकर लोग लौटे हैं, इन्हें रोजगार मुहैया कराना सरकार की प्राथमिकता है।
साम्यवादियों ने बजट की सराहना की
भाकपा-माले झारखंड राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने झारखंड सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को झारखंडी जनता की आशाओं के अनुरूप नहीं है लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि मनरेगा की मजदूरी बढ़ाकर राज्य सरकार ने अपनी मजदूर हितैसी छवि बनाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता की आकांक्षा थी कि राज्य सरकार चुनाव में किए गए वादे के अनुरूप खासकर विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों को भरने की योजना बनाएगी और रोजगार के लिए पलायन करने वाले यूवाओं को रोजगार का नया अवसर मुहैया करेगी। लौकडाउन की मार झेल रही झारखंड के साथ केंद्र की सरकार शौतेला व्यवहार की है। बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने की जरूरत है। मनरेगा में राज्य सरकार द्वारा मजदूरी में 33 रूपये की बढ़ोत्तरी स्वागत योग्य है लेकिन इसमें न्यूनतम मजदूरी की गारंटी की जानी चाहिए। शिक्षा बजट पर खासकर उच्च शिक्षा पर और अधिक जोर देने की जरूरत है ताकि झारखंड के छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दी जा सके।इस पिछड़े राज्य में पंचायतों और प्रखंड स्तर पर स्वास्थ्य सेवा सुदृढ बनाने की भी जरूरत की प्राथमिकता दी जानी चाहिए। कृषि क्षेत्र को मोदी सरकार अडानी अंबानी के हवाले करने पर तुली है इसीलिए राज्य सरकार राज्य के किसानों को वाध्यकारी विक्री से निजात दिलाने के लिए मंडी व्यवस्था का निर्माण और कृषि-वनोपज का उचित दाम की व्यवस्था बनानी चाहिए। झारखंड में खेती के विकास के लिए सिंचाई की सामग्रिक योजना बनाकर पलामू और संथाल परगना जैसे क्षेत्रों में विशेष पैकेज बनाकर सिंचाई का समुचित प्रबंध की योजना बनाई जानी चाहिए।
श्रमिक संगठन सीटू ने बजट को बताया संतुलित
सीटू के नेता प्रकाश विप्लव ने बजट को संतुलित बताया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी का असर, लाकडाउन, केंद्र सरकार द्वारा राज्य के आर्थिक हिस्से मे सेंधमारी और पिछली सरकार द्वारा अनियंत्रित व्यय के चलते राज्य के आर्थिक श्रोतों की स्थिति खराब रहने के बावजूद हेमंत सरकार के वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने आज विधानसभा मे 91,277 करोड़ रुपये का जो बजट पेश किया उसे संतुलित बजट है। स्वास्थ्य और शिक्षा पर ज्यादा फोकस, ग्रामीण विकास के लिए बजट राशि मे वढोतरी स्वागत योग्य है लेकिन श्रम कौशल विकास और कल्याण तथा महिला बाल विकास व सामाजिक सुरक्षा के मद मे और बजटीय राशि का प्रावधान करना चाहिए था क्योंकि राज्य मे गरीबी और कुपोषण से निपटने में महिला बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए 5 नयी रोजगार योजना शुरू किए जाने की घोषणा स्वागत योग्य है।
भाजपा ने बजट को बताया अदूदर्शी
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने हेमंत सरकार के द्वारा प्रस्तुत बजट को अदूरदर्शी, विकास विरोधी, हवा हवाई, खोखला, वास्तविकता से कोसो दूर, अपारदर्शी, राज्य की जनता को निराश करने वाला बजट बताया है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार में राज्य के वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव द्वारा विधानसभा में पेश किए गए बजट दीपक प्रकाश ने कहा कि इस बजट राज्य के युवाओं, किसानों, महिलाओं, गरीबो सब को निराश किया है। दीपक प्रदेश मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता के दौरान अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इसमे कुछ उम्मीद की किरण अगर है तो वह केंद्रीय सहायता से चलने वाली योजनाएं है।जिनका इस सरकार ने बड़ी चालाकी से नाम बदलकर अपना पीठ थपथपाने की कोशिश की है।