भोपाल/ इस साल 27 अप्रैल को सेवानिवृत्त हुए हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रोहित आर्य बीते शनिवार को मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला की उपस्थिति में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश रोहित आर्य कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी और नलिन यादव को ज़मानत देने से इनकार करने के कारण चर्चा में आए थे। उन दोनों को 2021 में इंदौर के एक कॉमेडी शो में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने की शिकायत पर जेल भेजा गया था।
भारतीय दंड संहिता के समकक्ष नई भारतीय न्याय संहिता के क्रियान्वयन पर आयोजित पार्टी के एक कार्यक्रम में डॉ. राघवेंद्र शर्मा द्वारा भाजपा में शामिल किए गए आर्य ने अपने संबोधन में कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईपीसी की जगह बीएनएस लाकर एक बड़ा काम किया है।
उन्होंने कहा, हम केंद्र सरकार के प्रति आभार प्रकट करते हैं. इससे आने वाले समय में निश्चित रूप से सुधार आएगा, क्योंकि जब भारतीयों पर आईपीसी थोपी गई थी, तो उसका उद्देश्य उन्हें दंडित करना था। अब न्याय की भावना से भारतीय न्याय संहिता बनाई गई है।
आर्य ने कहा कि न्याय की भावना राम और महाभारत काल से ही भारत के ताने-बाने का हिस्सा रही है। अंग्रेज़ों को भारतीयों की संस्कृति और आध्यात्मिकता से झटका लगा था, इसलिए उन्होंने भारतीय संस्कृति को खत्म करने और अंग्रेजी को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा प्रणाली पर हमला किया था।
आर्य के राजनीतिक दल में शामिल होने से कुछ महीने पहले कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने 5 मार्च को इस्तीफा दे दिया था और दो दिन बाद भाजपा में शामिल हो गए थे। गंगोपाध्याय को भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल की तामलुक सीट से टिकट दिया था और उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के देबांग्शु भट्टाचार्य को हराया।