रांची/ लहरि मीडिया के तत्वावधान में आयोजित मैथिली बुद्धिजीवियों की एक बैठक में हमेंत सरकार की नियोजन नीति में भाषा संबंधी निर्णय पर नाराजगी व्यक्त
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IGNCA की तीन सदस्यीय टीम पहुंची विकास भारती विशुनपुर, जनजातीय म्युजियम के निर्माण पर हुई चर्चा
विशुनपुर/ विगत दिनों विकास भारती विशुनपुर एवं आईजीएनसीए के संयुक्त तत्वावधान में जनजातीय लोक कलाओं के संग्रह पर एक संगोष्ठि आयोजित की गयी। विकास भारती,
झारखंडी सियासी दाव-पेंच : वर्तमान विधायक खरीद-फरोख्त का मामला हेमंत की सोची-समझी चाल तो नहीं ?
कुमार कौशलेंद्र कौशल झारखंड के हालिया सियासी तूफान और महागठबंधन के तार-तार होते रिश्ते को शायर ‘सागर खय्यामी’ ने निम्न पंक्तियों में बरसों पहले बयां
अमेरिकी साम्राज्यवाद के खिलाफ रांची के नागरिकों ने क्युबा के साथ दिखाई एकजुटता
रांची/ अखिल भारतीय शांति एकजुटता संगठन के बैनर तले रांची के प्रबुद्ध नागरिकों ने छोटे से समाजवादी देश क्युबा में अमरीकी साम्राज्यवाद की दखलंदाजी के
दीनी और आधुनिक शिक्षा से ही मुसलमान बनेंगे मजबूत, मदरसों के पाठ्यक्रम में वैज्ञानिकता जरूरी
राजनी राणा औपचारिक शिक्षा की बात करें तो भारत की मुस्लिम आबादी अपने गैर-मुस्लिम समकक्षों से पीछे है। महिलाओं की शिक्षा के मामले में और
समाज में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने में मीडिया की भूमिका अहम : नफीसा
पटना/ समाज में जेंडर इक्विालिटी (लैंगिक समानता) को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी बनानेवाले से लेकर परिवार के सदस्यों तक सबकी बराबर की जिम्मेदारी है।
वकील मनोज झा की तमाड़ में हत्या, पांच की संख्या में थे अपराधी
रांची/ रांची जिले के तमाड़ थाना क्षेत्र में अपराधियों ने एक अधिवक्ता की गोली मार कर हत्या कर दी। मनोज झा नामक अधिवक्ता रांची के
राम के नाम कसम वाले बयान पर बिफरी भाजपा, प्रदेश अध्यक्ष दीपक ने रामेश्वर पर बोला हमला
रांची/ झारखंड प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य सरकार के मंत्री रामेश्वर उरांव
मासस और भाकपा (माले) की संयुक्त संकल्प सभा 28 जुलाई को, दीपांकर भी होंगे शामिल
रांची/ भाकपा-माले झारखंड राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद और मार्क्सवादी समन्वय समिति के केंद्रीय महासचिव हलधर महतो ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि
पटना के उस अमर बलिदानी ‘‘पीर अली’’ की शहादत को हम कैसे भूल सकते
ध्रुव गुप्त देश के पहले स्वाधीनता संग्राम के नायकों में सिर्फ राजे, नवाब और सामंत ही नहीं थे, जिनके सामने अपने छोटे-बड़े राज्यों और जमींदारियों
