अहमदाबाद/ ब्रितानी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने गुरुवार को गुजरात के दौरे पहुंचने के बाद गांधीनगर स्थित देश की सर्वप्रथम गुजरात बायोटेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी का दौरा किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जीतू वाघाणी वहां मौजूद थे।
जाॅनसन ने विश्वविद्यालय की विभिन्न सुविधाओं का निरीक्षण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उन्हें विस्तृत जानकारी दी। बोरिस जॉनसन के दौरे के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री वाघाणी ने कहा कि तत्कालिन मुख्यमंत्री तथा वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में यह यूनिवर्सिटी शुरू हुई थी। यह यूनिवर्सिटी अनुसंधान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत का केंद्र बनेगा तथा विश्वस्तर पर नाम प्राप्त कर भारत और गुजरात का गौरव बढ़ाएगा।
मंत्री वाघाणी ने कहा कि गुजरात बायोटेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी द्वारा युनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग के साथ समझौता किया गया है। जो राज्य के अनुसंधान प्रोफाइल को मजबूत करेगा और इससे एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का मानक राज्य में मुहैया होगा, जो राज्य के युवा वैज्ञानिकों को अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
उन्होंने कहा कि बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महँगे उपकरण तथा अत्याधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए भारी पूँजी निवेश की आवश्यकता होती है। ऐसे में गुजरात बायोटेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी विद्यार्थियों को उत्पाद विकास के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा मुहैया कराएगी। ये सुविधाएँ ऐसे शोधकर्ताओं के लिए एक विश्व स्तरीय मंच प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानंत्री की प्रेरणा से बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अनुसंधान तथा मानक के लिए भारत वर्षों से प्रतीक्षा कर रहा था, जिसका आज अंत हो गया है। इस यूनविर्सिटी में विश्व स्तर का वातारण मुहैया होगा। इस विश्वविद्यालय में आगामी समय में आधुनिक तकनीकी से सुसज्जित तकनीकी परीक्षण सुविधा, कंटेनमेंट ग्रीन हाउस तथा अनुसंधान भवन की सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जाएगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के. कैलासनाथन, मुख्य सचिव पंकज कुमार, विज्ञान तथा तकनीकी विभाग के सचिव विजय नेहरा, यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार सचिन गुसीया सहित प्राध्यापकगण विशेषण और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।